बागपत: फ्रांस की टीम ने की नदी के पानी की जांच
बागपत| हिंडन व कृष्णा नदी के प्रदूषित पानी की गूंज फ्रांस तक जा पहुंची। रविवार को फ्रांस की टीम चौगामा क्षेत्र पहुंची और नदियों का प्रदूषित पानी देख हैरान रह गई। टीम के सदस्यों ने कहा कि आज तक इतना प्रदूषण कहीं नहीं देखा। उन्होंने ग्रामीणों से भी जानकारी ली। फ्रांसकी यह टीम पानी पर रिसर्च कर रही है।
दोआब पर्यावरण समिति अध्यक्ष एवं सेवानिवृत्त वैज्ञानिक डा. चंद्रवीर के साथ फ्रांस से आई टीम में शामिल टरडी हैरिस, लैला और साजिद ने गांगनौली, थल और बूढ़पुर व खड़ा गांवों में ¨हीडन व कृष्णा नदियों के प्रदूषित पानी को देखा| उन्होनें ग्रामीणों से उसके दुष्प्रभाव की जानकारी ली। पशु-पक्षियों और इंसानों की सेहत और फसलों पर प्रदूषित पानी का क्या दुष्प्रभाव पड़ रहा है, इसकी जानकारी भी जुटाई। प्रदूषित पानी से लोग किन बीमारियों के चपेट में आ रहे हैं? यह भी पता लगाया।
दोआब पर्यावरण समिति के अध्यक्ष ने बताया, ‘नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने ¨हिंडन और कृष्णा का पानी प्रदूषित होने की वजह से बागपत, मेरठ, गाजियाबाद, मुजफ्फरनगर, शामली और सहारनपुर के डीएम तथा उत्तर प्रदेश सरकार को दोनों नदी के किनारों के गांवों में स्थित हैंडपंपों के पानी की जांच का आदेश दिया हुआ है, लेकिन बागपत के प्रभावित 47 गांवों समेत अन्य जिलों में पानी की जांच नहीं कराई गई है। प्रभावित गांवों में टैंकरों या अन्य वाहनों से शुद्ध पेयजल आपूर्ति कराने का आदेश दिया था।
एनजीटी ने पानी ले जाने वाले वाहनों में जीपीएस लगाने की हिदायत भी दी थी, पर आज तक उक्त आदेश पर अमल नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि लोग कैंसर समेत तमाम बीमारियों की चपेट में आकर दम तोड़ रहे हैं। इसके लिए वे सुप्रीम कोर्ट तक इस मामले को ले जाने से भी पीछे नहीं हटेंगे, क्योंकि लाखों लोगों की ज़िन्दगी का सवाल है।
प्रस्तुति- आदेश कुमार