प्रेरक प्रसंग : पुण्य कमाने का सबसे आसान तरीका

सिखों के प्रथम गुरु नानक देव जी एक बार एक गांव पहुंचे। वहां उन्होंने देखा एक झोपड़ी बनी हुई थी। वहां एक आदमी रहता था। उस झोपड़ी में एक आदमी रहता था जिसे कुष्ठ-रोग था। गांव के सभी लोग हेय की दृष्टि से देखते थे।

प्रेरक प्रसंग

जब नानक जी को इस बात का पता चला तो वह उस व्यक्ति से मिलने गए। और उस व्यक्ति से कहा कि आज रात में यहीं विश्राम करना चाहता हूं। तुम्हें कोई परेशानी तो नहीं। वह एकटक नानक जी को देखता रहा।

उसके नानक जी को देखने भर से ही उसका रोग दूर होता गया। तब नानक जी ने उस झोपड़ी में बैठकर ही कीर्तन आरंभ कर दिया। कुष्ठ रोग से पीढ़ित वह व्यक्ति देखता रह गया। उसने नानक जी ने कहा, मैं बहुत बदकिस्मत हूं। लेकिन नानक जी ने उसे अपने ज्ञान से उसके मन की इस दुविधा को दूर किया।

वह रात्रि भर उस व्यक्ति की सेवा करते रहे और सुबह जब उस व्यक्ति ने देखा उसका कुष्ठ रोक पूरी तरह से ठीक हो चुका था।

हमें लोगों की मदद के लिए हमेशा तत्पर रहना चाहिए। ऐसा करने पर उन्हें मानसिक शांति तो मिलती है साथ ही आपके पुण्य कर्मों में बढ़ोत्तरी होती है।

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