पांचवीं मंजिल से छलांग लगाने से ग्राम विकास विभाग के वरिष्ठ लिपिक-प्रधान सहायक की मौत

लखनऊ :- ग्राम विकास विभाग के वरिष्ठ लिपिक-प्रधान सहायक हरिश्चंद्र यादव (59) ने बुधवार दोपहर जवाहर भवन की पांचवीं मंजिल से छलांग लगा दी। फर्श पर गिरने के बाद काफी देर तक वह तड़पते रहे।
पुलिस और एसोसिएशन के पदाधिकारियों के पहुंचने के बाद उन्हें सिविल अस्पताल जे जाया गया, तब तक उनकी मौत हो चुकी थी। हरिश्चंद्र जुलाई में रिटायर हो जाते, उनका दो दिन बाद ही प्रमोशन होना था।
हरिश्चंद्र यादव पांचवीं मंजिल से छलांग लगाकर खुदकुशी करने से पहले नौवीं मंजिल से भी कूदने की कोशिश की थी। तब कर्मचारियों ने उन्हें पकड़ लिया था।
इंस्पेक्टर हजरतगंज विजयमल यादव ने बताया कि हरिश्चंद्र मूलरूप से उन्नाव के नवाबगंज के रहने वाले थे और रोज वहीं से ऑफिस आते-जाते थे। वह जवाहर भवन में ग्राम विकास विभाग के पांचवें तल पर स्थित ऑफिस में बैठते थे।
पुलिस को नहीं मिला कोई सुसाइट नोट :-
बुधवार दोपहर करीब 12 बजे ऑफिस की खिड़की से वे कूद गए। पुलिस को कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। वहीं, ग्राम विकास मिनिस्ट्रियल एसोसिएशन के अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह का आरोप है कि हरिश्चंद्र को 20 दिनों से अपर आयुक्त प्रशासन हेमंत कुमार प्रताड़ित कर रहे थे।

कोर्ट की अवमानना के एक मामले में जेल भेजने की धमकी दे रहे थे। बुधवार सुबह भी उन्होंने हरिश्चंद्र को धमकाया जिसके बाद उन्होंने खुदकुशी की।

आरोप बेबुनियाद :-
वहीं, इस पर जवाब देते हुए अपर आयुक्त प्रशासन हेमंत कुमार का कहना है कि घटना दुर्भाग्यपूर्ण है। मुझे भी काफी दुख है। मैं शासन में एक बैठक में था तभी घटना की सूचना मिली। हरिश्चंद्र की गिनती कर्मठ कर्मचारियों में होती थी। उसके खिलाफ न तो कोई कार्रवाई लंबित थी और न ही उसे कभी कोई नोटिस दिया गया था। ऐसे में उत्पीड़न का कोई सवाल ही नहीं। आरोप पूरी तरह निराधार हैं।
संवाददाता :- अक्षय कुमार

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