नोटबैन के दौरान सरकार के अपने बैंकों ने किया ऐसा गंदा काम कि मोदी को भी आ जाए शर्म!
नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने नोटबंदी पर कई बड़े खुलासे किए है. जिनमे नोटबैन के दौरान पब्लिक सेक्टर बैंकों के कई कर्मियों और अधिकारीयों का भ्रष्टाचार उजागर हुआ है. माना जा रहा है कि नोटबंदी के दौरान बैंक कर्मियों और अधिकारियों के झटपट ट्रांसफर के पीछे भी यही वजह हो सकती है.
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बताया कि नोटबंदी के दौरान पब्लिक सेक्टर बैंकों के 156 सीनियर अधिकारी सस्पेंड किए गए. साथ ही 41 का ट्रांसफर भी हुआ था. ये सभी देश के विभिन्न पब्लिक सेक्टर की बैंकों में कार्यत थे. 26 मामलों में आपराधिक शिकायत भी दर्ज की गई है. वे सभी केस सीबीआई और पुलिस के पास दर्ज हैं. जेटली ने बैंकों से जुड़ी यह जानकारी लोकसभा की कार्यवाही के दौरान दी.
हालांकि सेंट्रल बैंक ने पहले से ही सभी बैंकों को हिदायत दे रखी थी. इसमें कहा गया था कि अगर उनके स्टाफ का कोई भी सदस्य किसी भी तरह की गड़बड़ियों में शामिल होता है, तो उसके खिलाफ उचित कार्रवाई के साथ सजा भी भुगतनी पड़ सकती है.
नोटबंदी के बाद हर कोई बैंक में अपने पुराने नोट जमा करवाने के लिए गया था. उसी मौके का फायदा उठाकर कुछ प्राइवेट बैंककर्मी गलत तरीके से पैसा जमा करवाने और निकलवाने के दोषी पाए गए थे. जिसकी जानकारी मिलने के बाद सरकार ने ये कदम उठाये हैं.
हालांकि अब केंद्र सरकार ने ये साफ कर दिया है कि कोई भी नौकरशाह उसकी नाक के नीचे गड़बड़ी नहीं कर सकता है. अगर कोई दोषी पाया गया तो उसके ऊपर उचित कार्यवाही होनी निश्चित है. साथ ही सुप्रीम कोर्ट द्वारा सजा का प्रावधान भी मौजूद है.