धोनी का बयान, युवराज की भारतीय टीम में वापसी मुश्किल

भारतीय कप्तान एमएस धोनी यक़ीनन दुनिया के सबसे सफलतम कप्तानों में शामिल है. मैच के दौरान मैदान पर उनकी रणनीति हो या टीम का चयन हो धोनी इन सब मामलो में अपनी मनमानी करते हैं. जोकि कई बार सफल भी रहता है, जबकि कई बार धोनी के इसके कारण आलोचनों का सामना भी करना पड़ता हैं.

भारतीय टीम मौजूदा समय में न्यूज़ीलैण्ड के विरुद्ध 5 मैचो की घरेलु एकदिवसीय सीरीज खेल रही है, चयनकर्ताओ ने इस सीरीज के लिए भारतीय गेंदबाजी की प्रमुख तिकड़ी आश्विन, जडेजा और शमी को आराम दिया हैं. जिसके कारण टीम में कई युवाओ के जगह दी हैं. लेकिन युवराज सिंह जैसे अनुभवी खिलाड़ी को टीम में जगह नहीं दी हैं.

चैंपियन ट्राफी 2017 के पहले अब भारतीय टीम को केवल 7 एकदिवसीय मैच खेलने है, ऐसे में बड़े आईसीसी टूर्नामेंट के मद्देनज़र धोनी एक मजबूत टीम बनना चाहते है. हाल में दिए गए बयान ने भारतीय कप्तान ने युवराज के चयन को लेकर  कहा कि भारतीय टीम के एक साथ, ज्यादा खिलाड़ियों को मौका देना मुश्किल है, इसे निष्पक्ष रहने दो क्यूंकि यह भी प्रक्रिया का हिस्सा है कि हम खेल को जीतने के लिए खेलते है.

इसलिए हम परिणाम को अपने पक्ष में लाने के लिए पूरी कोशिस करते हैं. अब थोड़ा अधिक दबाव है क्योंकि हमें केवल आठ मैच (आईसीसी चैंपियन ट्राफी से पहले) खेलने है. इस सीजन में हमे टेस्ट मैच ज्यादा खेलने हैं. यह एक अलग चुनौती है, लेकिन हम यह करने (प्रयोग) के लिए तैयार है और हम हर अच्छे संभव तरीके से खेल का उपयोग करते हैं”.

हाल में जिम्बाब्वे दौरे गई भारतीय टीम में धोनी टीम के कुछ सीनियर खिलाड़ियोंमें शामिल थे, जबकि टीम में केएल राहुल, करुण नायर, जयंत यादव, युज़ुवेंद्र चहल जैसे युवा खिलाड़ियों को अन्तराष्ट्रीय क्रिकेट का बिलकुल भी अनुभव नहीं था. जिम्बाब्वे दौरे गई भारतीय टीम अनुभव के नाम पर केवल एमएस धोनी थे, फिर भी हरियाणा के स्पिनर जयंत यादव को एक भी मैच खेलने का मौका नहीं मिल सका. लेकिन जयंत ने ऑस्ट्रेलिया ए के विरुद्ध शानदार प्रदर्शन करते हुए टेस्ट टीम और एकदिवसीय टीम में दोबारा जगह बनाई.

जिम्बाब्वे दौरे पर धोनी या टीम मैनेजमेंट चाहता तो युवा खिलाड़ियों के साथ युवराज सिंह को टीम में जगह दी जा सकती है, लेकिन टीम मैनेजमेंट भविष्य की टीम बनाने में व्यस्त है, जिसमे युवराज सिंह की जगह शायद नहीं हैं.

आईसीसी चैंपियन ट्राफी से पहले भारत को केवल 8 एकदिवसीय मैच और खेलने है, ऐसे में न्यूज़ीलैण्ड के विरुद्ध खेलनी वाली टीम ही शायद आगामी एकदिवसीय मैचो में खेलती नज़र हैं, जिसमे युवराज सिंह शामिल नहीं हैं.

धोनी ने कहा मुझे लगता है कि सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है कि हम उपमहाद्वीप में क्रिकेट खेलते है तो टीम में 5,6,7 पर ऐसे खिलाड़ी हो जो खेल को अच्छे से फिनिश कर सके. हाल में भारत के उपरीक्रम 4 ने भारत के लिए अच्छा किया जिसके कारण निचलेक्रम के  खिलाड़ियों कों बल्लेबाज़ी का मौका नहीं मिला हैं.

भारतीय कप्तान एमएस धोनी विश्वकप 2019 के लिए टीम बनाने के लिए तैयारी कर रहे हैं, जिसके कारण वह युवा खिलाड़ियों को युवराज सिंह जैसे अनुभवी खिलाड़ी से ज्यादा महत्व दे रहे हैं. भारतीय कप्तान की रणनीति को देखते हुए युवराज का टीम में वापसी करना बेहद मुश्किल नज़र आ रहा हैं.

LIVE TV