
लखनऊ। पेट्रोल पंपों पर डिवाइस के सहारे तेल चोरी का मामला सामने आने के बाद देश के हर नागरिक में आक्रोश है। पर लोग खुद को लाचार समझ रहे हैं। दरअसल एक आम नागरिक के लिए पंपों की चोरी समझ पाना नामुमकिन है। लेकिन अब मेरठ के एक कॉलेज के रिसर्च डिपार्टमेंट ने ऐसी डिवाइस तैयार की है जिससे अब बिल्कुल सही तरीके से पता चल सकेगा कि गाड़ी की टंकी में कितना तेल है और कितना तेल डाला गया है। कॉलेज प्रबंधन बकायदा इस रिसर्च को पेटेंट कराने की तैयारी में लग गया है। उम्मीद है अब आने वाले समय में गाड़ियों में ये डिवाइस लगी होगी और कोई भी जनता को आसानी से चूना नहीं लगा सकेगा।
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मेरठ के आईआईएमटी कॉलेज में केंद्र सरकार के सहयोग से चल रहे रिसर्च डेवलपमेंट विभाग के द्वारा एक स्मार्ट डिजिटल फ्यूल मीटर बनाया गया है। पुराने एनालॉग फ्यूल मीटर में सिर्फ तेल डीजल का प्रतिशत ही पता चलता था लेकिन इस नए डिजिटल मीटर से तेल चोरी की घटनाओं पर बड़ा अंकुश लगेगा। हाल ही में पाया गया था कि कई पेट्रोल पंपों पर मशीन में चिप लगाई गई थी जिसके चलते जनता को कम तेल मिल रहा था लेकिन उन्हें इस बात का पता तक नहीं था कि किस तरह उन्हें ठगा जा रहा है।
ऐसे में ये डिवाइस जनता के लिए बेहद फायदेमंद होगा। पहले जहां चोरी करने के बावजूद भी पेट्रोल पंप संचालक और कर्मचारी ग्राहकों के साथ अभद्रता करने लगते थे वहीं इस नए मीटर से उनकी चोरी रंगे हाथ पकड़ी जाएगी। इस डिजिटल फ्यूल मीटर के जरिए ग्राहक अब पेट्रोल पंपों होने वाली चोरी से खुद को सावधान कर पाएंगे। संस्थान की तरफ से अब इस डिवाइस का पेटेंट करने की तैयारी की जा रही है। कॉलेज संस्थान संचालक का कहना है कि यदि कोई कंपनी इसे लॉन्च नहीं करेगी तो वो खुद इस डिवाइस को बनाकर बाजार में उपलब्ध कराएंगे।