
नई दिल्ली : आज के दौर के युवा वर्ग को तमाम तरह की टेंशन होती है. किसी को स्टडी की तो किसी को अपने करियर को परफेक्ट बनाने की. काफी प्रयासों के बाद भी अगर वो अपने लक्ष्य नहीं हासिल कर पाते हैं तो उस बारे में वो बार-बार सोच कर डिप्रेशन के शिकार हो जाते हैं. डिप्रेशन में इंसान का खुद पर कोई कंट्रोल नहीं रहता है. कई बार तो ऐसा होता है कि डिप्रेशन वाले लोग नकरात्मक फैसले तक ले लेते हैं.
ऐसे में डिप्रेशन के शिकार दूसरों पर तो अपना गुस्सा निकलते ही हैं साथ ही वो खुद को भी नुक्सान पंहुचा लेते है. इसीलिए कहा जाता है कि जिन लोगों को डिप्रेशन है उन्हें कभी भी अकेला नहीं छोड़ना चाहिए.
कारण –
कुछ लोगों को काम में जिंदगी में बार-बार असफलता, नुकसान से भी ऐसा होता है कि वो डिप्रेशन में चले जाते हैं.
अक्सर घरों के झगड़े, अशांति, संबंध-विच्छेद, व आर्थिक परेशानी आदि वजहों से भी ऐसा हो सकता है.
लक्षण-
शरीर में ऊर्जा का स्तर कम हो जाना. हमेशा थकान जैसा महसूस करना.
किसी भी काम का निर्णय न ले पाना और कहीं पर मन न लगना.
वज़न का बढ़ना-घटना, एकाग्रता खोना, अनिद्रा का शिकार होना.
जरा सी बात पर भड़क जाना, बेवजह दूसरों पर चिल्लान.
उपचार –
आज के समय में डिप्रेशन होना आमबात सी हो गई है ऐसे में डिप्रेशन से छुटकारा पाने के लिए सबसे बेस्ट है आप थेरेपी की सहायता लें.
नकारात्मक विचार आने पर उसे सकारात्मक विचार में बदल लें.
अपने गुस्से पर कण्ट्रोल करें.