
आयुर्वेद की मानें तो इस पौधे का इस्तेमाल करके व्यक्ति को सांप के जहर से 5 मिनट के भीतर बचाया जा सकता है। सांप के जहर को बेअसर करने वाले इस जादुई पौधे का नाम ककोड़ा है।
ये एक सब्जी भी है। इस सब्जी में इतनी ताकत होती है कि इसका कुछ दिन ही सेवन करें तो आपका शरीर फौलादी हो जाएगा। इसका फल छोटे करेले से मिलता-जुलता होता है जिसपर छोटे-छोटे कांटेदार रेशे होते हैं।
ककोड़ा या खेखसा अधिकतर पहाड़ी जमीन में पैदा होता है। यह बरसात के मौसम में होने वाला साग है। ककोड़ा की बेल होती है जो अपने आप जंगलों-झड़ियों में उग आती है और फैल जाती है।
इसके ‘नर’ और ‘मादा’ बेल अलग-अलग होते हैं। इसका साग बहुत ही अच्छा व स्वादिष्ट होता है। नर्म ककोड़ा का साग अधिक स्वादिष्ट होता है जिसे लोग अधिक पसंद करते हैं।
गर्म मसालों या लहसुन के साथ ककोड़ा का साग बनाकर खाने से वात पैदा नहीं होता है।
यह सब्जी स्वादिष्ट होने के साथ-साथ प्रोटीन से भरपूर होती है। बात दें कि, इस पौधे में कई औषधीय गुण भी मौजूद होते हैं। औषधीय गुण वाले इस पौधे को सबसे पहले ककोड़े की जड़ को पौधे से अलग कर लें।
इस जड़ को धूप में दो दिन तक सुखाकर रख दीजिए। इसके बाद इस सूखी हुई जड़ को कूटकर इसका पाउडर तैयार का इसका इस्तेमाल किया जाता है। सांप के काटने पर व्यक्ति को एक चम्मच ककोड़े के जड़ से बना पाउडर दूध के साथ मिलाकर पिला दें।
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इसका इस्तेमाल करते ही कुछ मिनटों के भीतर हर जहर उतर जाता है। जमीन के नीचे ककोड़ा के जड़ में आधी फुट लम्बी गांठ होती है जिसका उपयोग औषधि के रूप में किया जाता है।
ककोड़ा का कन्द चीनी या शहद के साथ 1 से 5 ग्राम की मात्रा में औषधि की तरह प्रयोग किया जाता है। ककोड़ा का कन्द अधिक मात्रा में प्रयोग करने से उल्टी हो सकती है।