मन पर संतुलन

सदगुरू जग्‍गी वासुदेव से तो हम आपका परिचय अपनी पिछली कड़ी़ में पहले ही करवा ही चुुके है। इनकी ईशा फाउंडेशन नामक संस्‍था दुनियाभर में योग के कार्यक्रम आयोजित करती हैै। जग्‍गी वासुदेव  जी की ये संस्‍था सामाजिक कार्यों में भी बहुत बढ़चढ़ कर योगदान करती है। आइए आज जानते हैं संत जग्‍गी वासुदेव की दस बातें जिन्‍हें पढ़कर आपका जीवन सफल हो सकता है।

जग्‍गी वासुदेव

जग्‍गी वासुदेव की बातें

अधिकतर मनुष्य पिंजड़े में कैद एक चिड़िया की तरह रहते हैं जिसका दरवाजा टूटा हुआ हो। वे आदतन पिंजड़े को गोल्ड प्लेट करने में बहुत व्यस्त होते हैं, वे परम संभावनाओं तक नहीं जाते।

पानी की अपनी याददाश्त है। आप इसके साथ कैसे पेश आते हैं, किस तरह के विचार और भावनाएं पैदा करते हैं उसी के अनुसार वो आपके शरीर में व्यवहार करता है।

गप्पें मारना आपके आस-पास के लोगों के साथ एक तरह का मिसअलाइनमेंट है। या तो आप सबके बारे में गप मार सकते हैं, या सबके साथ एक हो सकते हैं।

मेरी कोई राय नहीं होती। केवल जब किसी काम के लिए आवश्यक हो जाता है, मैं कोई निर्णय लेता हूँ। राय आपकी बुद्धि के लिए बेड़ियाँ हैं।

आध्यात्मिकता विशेष बनने के बारे में नहीं है – ये हर के चीज साथ एक बनने के बारे में है।

किसी से अटैच होना दुसरे व्यक्ति के बारे में नहीं है। ये आपकी अपनी अपर्याप्तता के बारे में है।

आत्मा, स्वर्ग, या भगवान के बारे में बात मत करो। किसी ऐसी चीज के बारे में बात करना जो आपके लिए सच  न हो झूठ के बराबर है।

ईमानदारी एक्शन के बारे में नहीं बल्कि उद्देश्य के बारे में है। क्या आप इसे सबकी भलाई के लिए कर रहे हैं या अपने फायदे के लिए?

कोई भी दो व्यक्ति एक से नहीं हो सकते। आप लोगों की तुलना नहीं कर सकते। आप बस बराबर अवसर दे सकते हैं।

मुझे समझ नहीं आता कि लोग अपने दिमाग को नियंत्रित क्यों करना चाहते हैं। मैं चाहता हूँ कि वे अपने दिमाग को आज़ाद कर दें।

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