वासना के समान दुष्कर कोई रोग नहीं, मोह के समान कोई शत्रु नहीं, क्रोध के समान अग्नि नहीं, स्वरुप ज्ञान के समान कोई बोध नहीं Kush TiwariFebruary 9, 2017 - 12:05 am Less than a minute