ब्राह्मण अच्छे भोजन से तृप्त होते है. मोर मेघ गर्जना से. साधु दूसरों की सम्पन्नता देखकर और दुष्ट दूसरों की विपदा देखकर Kush TiwariFebruary 1, 2017 - 12:03 am Less than a minute