गाजियाबाद: श्मशान घाट हादसे को लेकर चल रही जांच में हुआ बड़ा खुलासा, सेवानिवृत्त होने के बाद भी…

गाजियाबाद के मुरादनगर स्थित श्मशान घाट हादसे से संबंधित पूरे सिस्टम की मिलीभगत एक के बाद सामना आ रही है। हादसे में आरोपी करार जेई चंद्रपाल सिंह 30 सिंतबर को सेवानिवृत्त हो चुका था लकिन उसके बाद भी वो नियमित रूप से नगर पालिका में टेंडर से जुड़े सभी काम देख रहा था। नगर पालिका से लेकर ऊपर तक के सभी बड़े अधिकारियों को इसकी खबर थी बावजूद इसके इसे नहीं रोका गया। बल्कि सेवानिवृत्त होने के बाद श्मशान घाट के सुंदरीकरण व जीर्णोद्धार कार्य का संशोधित एस्टिमेट भी बनाया गया था। इस बनाए गए एस्टिमेट में कुल खर्च को 54 लाख से बढ़ाकर 65 लाख किया जाना था।

जानकारी के मुताबिक अवर अभियंता सीपी सिंह बीते वर्ष 30 सितंबर को ही सेवानिवृत्त हो गया था लेकिन तब भी वह करोड़ों रुपये के निर्माण कार्यों के एस्टिमेट बैक डेट से बनाता रहा। न ही सिर्फ एस्टिनेट बल्कि उसने निर्माण कार्यों का सत्यापन भी बैक डेट से किया। बता दें कि अक्तूबर में श्मशान घाट गलियारे बनाए जाने की तैयारी शुरू की गई और नवंबर में इसका निर्माण शुरू कर लिंटर डाल दिया गया। वहीं डिजाइन को पास करने को लेकर पालिका अधिकारी, जेई और ठेकेदार के बीच सहमति बनीं और 10 लाख रुपये पास कराने का प्रस्ताव भी रखा।

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