अहेरिया जाति को SC में शामिल करने के लिए केन्‍द्र को प्रस्‍ताव भेजेगा यूपी

अहेरिया जातिलखनऊ । उत्तर प्रदेश के समाज कल्याण, अनुसूचित जाति/जनजाति एवं सैनिक कल्याण मंत्री राम गोविंद चौधरी ने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य की अहेरिया जाति को उप्र की अनुसूचित जाति की सूची में सम्मिलित करने के लिए भारत सरकार को संस्तुति प्रेषित करेगी।

उन्होंने बताया कि उप्र अनुसूचित जाति एवं जनजाति शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान द्वारा किए गए सर्वेक्षण के आधार पर प्रदेश की मंत्री परिषद ने ‘अहेरिया’ जाति को अनुसूचित जाति की सूची में शामिल किए जाने के लिए अनुमोदन प्रदान किया है।

चौधरी ने बताया कि वर्तमान में अहेरिया जाति प्रदेश की अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़े वर्ग की किसी भी सूची में वर्गीकृत नहीं है।

उन्होंने बताया कि अहेरिया जाति को अनुसूचित जाति की सूची में शामिल करने के लिए उप्र अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान ने सर्वेक्षण अध्यन में संस्तुति की है कि अहेरिया जाति के लोग मूल रूप से बहेलिया है, बहेलिया नाम अपमानजनक होने के कारण ‘अहेरिया’ नाम का संबोधन प्रयोग करने लगे, जो कि सम्मानजनक भी है।

‘अहेरिया’ जाति के लोगों की शादी ‘बहेलिया’ जाति के परिवारों में शतप्रतिशत होनी पाई गई है तथा इन परिवारों के मध्य रोटी-बेटी का सम्बंध भी है।

उन्होंने कहा कि अहेरिया जाति के लोगों का मुख्य पैतृक कार्य कृषि/कृषि मजदूरी, जंगल जाकर शहद निकालना, बेर तोड़ना, बाग बचाना, कबूतर व खरगोश पकड़ना, शिकार करना आदि है।

अहेरिया व बहेलिया जाति का सामाजिक, आर्थिक, धार्मिक एवं शैक्षिक स्थिति लगभग सामान्य है, जिससे अहेरिया जाति अनुसूचित जाति की सूची में शामिल किए जाने के लिए निर्धारित मानदंडों के अनुरूप पाई गई है।