अभिनेता सोनू सूद ने इस बार काशी के 350 नाविक परिवारों की ली सुध
अब तक मुंबई से लोगों को उनके घरों तक पहुंचाने का बीड़ा उठाए फिल्म अभिनेता सोनू सूद ने इस बार काशी के 350 नाविक परिवारों की सुध ली है। दरअसल मार्च माह शुरू लॉकडाउन के बाद अनलॉक शुरू होते ही नाविकों के लिए कमाई करने का मौका मिला मगर गंगा में बाढ़ की वजह से जिला प्रशासन ने एक बार फिर 15 सितंबर तक के लिए गंगा में नौका संचालन बंद कर दिया। इसके बाद से ही नाविकों की आजीविका एक बार दोबारा प्रभावित हो गई।

काशी में नाविकों की समस्या को देखते हुए सामाजिक कार्यकर्ता दिव्यांशु उपाध्याय ने सोनू सूद को काशी के इन नाविकों के बारे में सोशल मीडिया पर जानकारी दी थी। दिव्यांशु ने लिखा था कि – ‘ वाराणसी के 84 घाटों में 350 कश्ती चलान वाले परिवार आज दाने-दाने के लिए तरस रहें हैं। इन 350 नाविक परिवारों की आप आख़री उम्मीद हो। @SonuSood sir aur @NeetiGoel2 mam. गंगा में बाढ़ आने के कारण और मुश्किलें इनकी बढ़ गई है! काशी में 15 से 20 दिन तक इनके बच्चों को भूखे पेट न सोना पडे’। दिव्यांशु के पोस्ट का संज्ञान लेते हुए अभिनेता सोनू सूद ने घंटे भर में जवाब दिया कि अब नाविकों के परिवार की जिम्मेदारी उनकी है। उन्होंने पोस्ट को शेयर करते हुए लिखा कि – ‘वाराणसी घाटों के यह 350 परिवारों का कोई भी सदस्य आज के बाद भूखा नहीं सोएगा। आज मदद पहुँच जाएगी।’
सोनू सूद इससे पहले वाराणसी के कई लोगों को मुंबई से सुरक्षित घर पहुंचा चुके हैं। सिर्फ यही नहीं बल्कि विदेश में फंसे पूर्वांचल के कई छात्रों को भी कोरोना संक्रमण काल में विमान से उनके घर सुरक्षित पहुंचा चुके हैं। इस बार सोनू ने वाराणसी में गंगा सेवकों के सामने आजीविका का संकट आने के बाद मदद का आश्वासन दिया है। उन्होंने एक ही दिन में मदद पहुंचाने का आश्वासन देकर काशी में नाविकों को मानो संजीवनी दी है। वहीं सामाजिक कार्यकर्ता की ओर से इस संबंध में वाराणसी में गंगा घाट आैर गंगा में बाढ़ की भी कई तस्वीरें भी पोस्ट की गई हैं।सोनू ने की दूसरी बार मददहोप ट्रस्ट के अध्यक्ष रवि मिश्रा ने दैनिक जागरण को बताया कि सोनू सूद द्वारा भेजा गया राशन से भरा ट्रक बनारस पहुंचने वाला है। सामग्री आते ही शाम से वितरण कार्य शुरू हो जाएगा। उन्होंने बताया कि दो दिन पहले भी एक ट्रक मदद के लिए सामग्री भेजी गई थी। उसका भी वितरण कर दिया गया है। सोनू सूद ने यह मदद दूसरी बार बनारस के नाविकों के लिए की है।