पैसे की है तत्काल जरूरत, तो ले सकते हैं Personal Loan, जानें अप्लाई करने का प्रोसेस

अगर आपने होम लोन या गोल्ड लोन लिया होगा तो आपको मालूम होगा कि उसकी प्रक्रिया कितनी लंबी और थकाऊ होती है। आपको कई सारे डॉक्युमेंट्स का एक पूरा पुलिंदा देना होता है। इसकी विपरीत पर्सनल लोन लेते समय आपको केवाईसी और आय से जुड़े कुछ दस्तावेज देने होते हैं। इसके बाद सभी तरह के वेरिफिकेशन एवं सामान्य तीन से पांच कार्य दिवसों में आपको लोन को लेकर अप्रुवल का मैसेज मिल जाता है। इस प्रक्रिया के दौरान बैंक या लेंडर आपके सिबिल स्कोर के साथ-साथ लोन की भुगतान की आपकी क्षमता को आंकता है। लोन सेंक्शन होने के बाद आपको कुछ घंटों के भीतर पूरी राशि आपके अकाउंट में मिल जाती है।

पर्सनल लोन का भुगतान आसान मासिक किस्त यानी कि EMI के जरिए करना होता है। सामान्यतः पर्सनल लोन के भुगतान के लिए आपको एक से पांच साल का समय मिलता है। इसका मतलब है कि आपको 12 से लेकर 60 ईएमआई तक में अपने कर्ज का भुगतान करना होता है। आप अपनी भुगतान क्षमता के आधार पर अवधि चुन सकते हैं। आप इस बात से अवगत होंगे कि आप जितनी कम अवधि में भुगतान करेंगे आपको ब्याज का भुगतान भी उतना ही कम करना होगा।

एक बार आपने अगर पर्सनल लोन लेने का मन बना लिया है तो अब आपको यह इस बात का निर्धारण करना होगा कि आपको कितने पैसे की जरूरत है। इसके बाद आपको अपने बैंक की वेबसाइट पर चेक करना चाहिए कि आप कितनी राशि तक के लिए लोन के लिए एलिजिबल हैं। इसके अलावा आप संभावित ईएमआई भी कैलकुलेट कर सकते हैं। इसके अलावा आजकल बहुत से पोर्टल हैं, जहां आप अपने पैन कार्ड के साथ कुछ विवरण डालकर यह देख सकते हैं कि आपको कौन-सा बैंक या लेंडर कितना अधिक लोन की पेशकश कर सकता है। इसके अलावा आप विभिन्न बैंकों द्वारा ऑफर किए जाने वाले संभावित ब्याज दर को भी देख सकते हैं। इसके बाद आप ऑनलाइन बैंकिंग, नेट बैंकिंग या फिर बैंक की शाखा जाकर लोन के लिए अप्लाई कर सकते हैं।

ब्याज की दर का निर्धारण तमाम चीजों को ध्यान में रखकर बैंक या लेंडर्स द्वारा किया जाता है। इसमें सबसे पहले यह देखा जाता है कि आपकी कंपनी, लेंडर के पास किसी सूची में लिस्टेड हैं। दूसरा, आपका सिबिल स्कोर कैसा है। इसके अलावा आपने जिस समय लोन के लिए अप्लाई किया है, अगर उस समय कोई ऑफर चल रहा है तो आपको उसका लाभ भी मिल सकता है।

पर्सनल लोन लेने के लिए आय के सबूत के तौर पर आपको सैलरी का स्टेटमेंट, इनकम टैक्स रिटर्न और बैंक अकाउंट का स्टेटमेंट देना होता है। इसके अलावा पहचान और पते की पुष्टि से जुड़े दस्तावेज और पैन कार्ड की दरकार होती है। अगर आप सेल्फ-इम्पॉयड हैं तो आपको डिग्री और लाइसेंस की प्रति देनी पड़ सकती है।

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