पूजा घर में न करें ये सात गलतियां, भगवान हो जाएंगे नाराज

पूजा घरघर में सुख शांत‌ि और समृद्ध‌ि के ल‌िए सभी लोग घर में पूजा स्‍थान बनाते हैं ज‌िसे पूजा घर कहा जाता है। यहां व‌िभ‌िन्न देवी देवताओं की मूर्त‌ियां और तस्वीरें होती हैं ज‌िनसे सुख शांत‌ि की प्रार्थना की जाती है। लेक‌िन कई बार जाने-अनजाने ऐसी गलत‌ियां हो जाती हैं ज‌िससे घर का पूजा स्‍थान उन्नत‌ि में बाधक बन जाता है और कई तरह की परेशान‌ियों का सामना करना पड़ जाता है। देख‌िए आप भी पूजा घर से जुड़ी यह गल‌त‌ियां तो नहीं कर रहे?

बहुत से लोग अपने शयन कक्ष में ही पूजा स्‍थान बना लेते हैं जो वास्तु शास्‍त्र के अनुसार सही नहीं है। शयन कक्ष में पूजा स्‍थान नहीं होना चाह‌िए इससे पारिवारिक जीवन के संबंधों में परेशानी आती है।

आजकल घर में मंद‌िर बनाने का प्रचलन बढ़ गया है। जबक‌ि वास्तु व‌िज्ञान के अनुसार घर में पूजा का स्‍थान अलग से होना चाह‌िए लेक‌िन यह मंद‌िर नहीं होना चाह‌िए। मंद‌िर खुले स्‍थानों में होना वास्तु के अनुसार उच‌ित है।

अक्सर लोग छुट्ट‌ियां मनाने या क‌िसी अन्य काम से घर में ताला लगाकर चले जाते हैं और अंदर पूजा घर में भगवान को भी बंद कर देते हैं। वास्तु व‌िज्ञान के अनुसार मकान में आपने पूजा स्‍थान बनाकर उनमें देवी-देवताओं को बैठाया है तो यह प्रयास करना चाह‌िए इनकी पूजा न‌ियम‌ित हो। घर में भले ही ताला लगाएं लेक‌िन पूजा स्‍थान में ताला लगाकर नहीं जाना चाह‌िए।

पूजा घर में न‌िर्माल यानी पुराने हो चुके फूल, माला, अगरबत्त‌ियां जमा करके नहीं रखें इनसे नकारात्मक उर्जा का संचार होता है जो आपकी खुश‌ियां और आय को कम करने का काम करते हैं।

वास्‍तुशास्‍त्र के अनुसार पूजा स्‍थान शौचालय और स्नान गृह की दीवारों से लगा हुआ नहीं होना चाह‌िए।

रसोई घर के साथ भी पूजा घर नहीं होना चाह‌िए इसकी वजह यह है क‌ि रसोई घर में जूठन और डस्टबीन जैसी चीजें प‌व‌ित्रता को नष्ट करते हैं।

घर में सीढ़ी के नीचे पूजा स्‍थान नहीं होना चाह‌िए।

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