फ़र्ज़ी प्रमाणपत्रों के आधार पर शिक्षा विभाग में नौकरी कर रहे पिता-पुत्र, गिरफ्तार
बाराबंकी – परिषदीय विद्यालय में दूसरे के अभिलेखों पर नौकरी कर रहे शातिर दस नंबरी पिता-पुत्र को एसटीएफ लखनऊ ने बीएसए कार्यालय परिसर से गिरफ्तार कर लिया है। दोनों शातिर पिता पुत्र विकासखंड हैदरगढ़ के प्राथमिक व पूर्व विद्यालय में कई सालों से नौकरी कर रहे थे ।
विकासखंड हैदरगढ़ के पूर्व माध्यमिक विद्यालय गेरवा में जय कृष्ण दुबे के नाम से नौकरी कर रहे गोरखपुर जिले के गोपालगंज निवासी पिता गिरजेश कुमार त्रिपाठी और प्राथमिक विद्यालय पूरे चौबे में रवि कुमार के अभिलेख पर नौकरी कर रहे उसके बेटे आदिशक्ति त्रिपाठी को लखनऊ एसटीएफ ने गिरफ्तार कर नगर कोतवाली पुलिस के हवाले कर दिया।
गिरजेश कुमार त्रिपाठी सन 2016 से जिले में तैनात थे फर्जी अभिलेखों के सहारे 1997 में बलरामपुर में नौकरी की शुरुआत करने वाले गिरजेश कुमार त्रिपाठी ने अपना तबादला पहले बलरामपुर जिले में करा लिया था 2016 में ट्रांसफर होकर वह बाराबंकी आए और तभी से वह पूर्व माध्यमिक विद्यालय में नौकरी कर रहे थे।
शातिर पिता गिरजेश त्रिपाठी ने अपनी तरह ही फर्जीवाड़ा करके अपने बेटे आदिशक्ति त्रिपाठी को रवि कुमार नाम के एक शिक्षक के अभिलेखों पर 2010 में नौकरी दिलवाई थी और तभी से उसका बेटा भी विकासखंड हैदर गढ़ के प्राथमिक विद्यालय पूरे चौकी में कार्यरत था ।
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विभागीय लापरवाही व साँठगाँठ के सहारे वर्षों से शिक्षक की नौकरी कर रहे शातिर पिता पुत्र आज सलाखों के पीछे पहुँच चुके हैं अब सवाल यह उठता है कि जब शिक्षक ही फ़र्ज़ी दस्तावेज के आधार पर नौकरी करेगा तो फिर छात्रों को वह कैसे सच्चाई का पाठ पढ़ायेगा।