हर्बल दवाओं के लिए अंतर्राष्ट्रीय नियामक बैठक का आयोजन

हर्बल दवाइयों के उपयोगनई दिल्ली| आयुष मंत्रालय हर्बल दवाओं के लिए अंतर्राष्ट्रीय नियामक सहयोग (आईआरसीएच) की 9वीं वार्षिक बैठक का 8 से 10 नवंबर तक नई दिल्ली में होगा। इस बैठक के जरिये हर्बल दवाइयों के उपयोग को वैश्विक रूप से बढ़ावा देना है। बैठक का उद्घाटन आयुष राज्य मंत्री श्रीपद येसो नाइक करेंगे।

हर्बल दवाइयों के उपयोग

2007 से आईआरसीएच नेटवर्क का एक सक्रिय सदस्य होने के कारण आयुष मंत्रालय का अभी तक आयोजित आईआरसीएच बैठकों में प्रतिनिधित्व किया गया है और इसे 9वीं वार्षिक आईआरसीएच बैठक का आयोजन करने का सम्मान प्राप्त हुआ है।

हर्बल दवाओं के लिए अंतर्राष्ट्रीय नियामक सहयोग (आईआरसीएच) की स्थापना 2006 में हुई थी। जो हर्बल दवाओं के नियमन के लिए जिम्मेदार विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा सृजित नियामक प्राधिकारियों का एक वैश्विक नेटवर्क है। इसका उद्देश्य हर्बल दवाइयों के उन्नत विनियम द्वारा जनस्वास्थ्य की सुरक्षा और उसे बढ़ावा देना है।

आईआरसीएच बैठक का उद्देश्य क्षेत्रीय पहल, जानकारी साझा करने और संवाद को बढ़ावा देने के माध्यम से हर्बल दवाइयों के उपयोग को वैश्विक रूप से बढ़ावा देना है। इसके अलावा अनुभवों, जानकारी और विनियमों, गुणवत्ता, सुरक्षा और हर्बल दवाओं की प्रभाविता से संबंधित ज्ञान और जानकारी को साझा करने के लिए राष्ट्रीय नियामक प्राधाकारियों के मध्य सहयोग को मजबूत करने के साथ-साथ मौजूदा जरूरत और मानकों के बारे में विचार-विमर्श करना है।

इस बैठक में हर्बल दवाइयों की गुणवत्ता और सुरक्षा के बारे में डब्ल्यूएचओ से संबंधित गतिविधियों की सिफारिश करना दवा नियामक प्राधिकरणों और अन्य संकायों द्वारा मुद्दों को अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में अग्रेषित करना तथा हर्बल दवाइयों की गुणवत्ता और सुरक्षा के संबंध में विचार-विमर्श करना भी शामिल है।

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