
सीरिया में हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं. शुक्रवार को रूस और सीरिया की सेना ने आतंकियों के ठिकानों पर बमबारी की, जिसमें 28 लोगों की मौत हो गई. न्यूज एजेंसी एएफपी ने मॉनिटरिंग कर रही संस्था के हवाले से यह जानकारी दी. बमबारी उत्तर-पश्चिमी सीरिया में की गई.
इस इलाके में अल-कायदा समर्थित समूह की बेहद मजबूत पकड़ है, जिसे उखाड़ने की कोशिश की जा रही है. बीते हफ्तों में इस इलाके में लड़ाकू विमानों ने बम बरसाए हैं, जिससे 30 लाख नागरिकों के लिए जान का खतरा पैदा हो गया है.
पुरे देश में पानी की किल्लत से मचा हाहाकार , गर्मी से लोगो का हाल- बेहाल…
इससे पहले मंगलवार को भी रूसी लड़ाकू विमानों ने बमबारी की थी, जिसमें 25 लोग मारे गए थे. रूसी विमानों ने इदलिब इलाके में बम गिराए थे, जिसमें स्कूल और मेडिकल सेंटर्स भी शामिल थे.
राहत एवं बचाव कार्य में लगे लोगों और नागरिकों ने न्यूज एजेंसी रॉयटर्स को बताया था कि रूस के सुखोई लड़ाकू विमानों ने दक्षिणी इदलिब प्रांत के जबाला गांव में बम गिराए, जिसमें 13 लोगों की मौत हो गई. एक अन्य शख्स ने बताया कि रूसी विमानों ने खान शेखौं, काफ़र बत्तीख और कई अन्य गांवों को भी निशाना बनाया. इस हमले में 12 आम नागरिक मारे गए.
रूस ने सीरिया में अप्रैल के अंत में हवाई हमले शुरू किए थे. अब तक बमबारी में 1500 लोगों की मौत हो चुकी है, जिसमें से आधे से ज्यादा आम नागरिक हैं. संयुक्त राष्ट्र और राहत एवं बचाव कार्य में जुटी एजेंसियों ने बताया कि अब तक 3 लाख से ज्यादा लोग जान बचाने के लिए तुर्की के पास बॉर्डर पर जमा हो गए हैं.
रूस को अब तक उत्तरी हामा और दक्षिणी इदलिब प्रांत में आतंकियों को उखाड़ फेंकने में कोई बड़ी सफलता हाथ नहीं लगी है. यह इलाका तुर्की समर्थित और अल-कायदा के समूहों का गढ़ माना जाता है. रूस और सीरियाई सेना पर यह आरोप लगते रहे हैं कि वे उन इलाकों में जीवन को अस्त-व्यस्त कर देना चाहते हैं, जिसमें आम नागरिक रहते हैं. लेकिन उनका कहना है कि वे अल-कायदा समर्थित आतंकियों से मुकाबला कर रहे हैं.