सामान्य आरक्षण बिल: लोकसभा में पास होने के बाद आज यहां देनी होगी अग्नी परीक्षा
नई दिल्ली। आर्थिक रुप से कमजोर सामान्य श्रेणियों के लोगों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण मुहैया कराने वाले बिल मंगलवार को लोकसभा में पास हुआ।
संशोधित बिल के पक्ष में 326 में से 323 मत किये गये। वहीं आज इस बिल को राज्यसभा में पेश किया जाएगा। यहां बीजेपी की मोदी सरकार बहुमत में नहीं है।
ऐसे में इस सदन से बिल को पास कराना सरकार के लिए एक चुनौती है। हालांकि, लोकसभा में लगभग सभी दलों ने सामान्य आरक्षण बिल का समर्थन किया है। इसलिए राज्यसभा में भी इसे पास होने के लिए मुश्किल नहीं होगी। बता दें कि आम चुनाव से ठीक पहले पेश किए सवर्ण आरक्षण बिल को नरेंद्र मोदी सरकार का मास्टरस्ट्रोक माना जा रहा है।
राज्यसभा में एनडीए के पास नहीं है बुहमत?
गौरतलब है कि राज्यसभा में एनडीए सरकार बहुमत से काफी है। हालांकि, समाजवादी पार्टी (सपा), बहुजन समाज पार्टी (बसपा) समेत अन्य विपक्षी दलों ने लोकसभा में जिस तरह इस बिल का समर्थन किया, उससे दिख रहा है कि राज्यसभा में इस बिल का रास्ता साफ है। बता दें कि लोकसभा की तरह ही राज्यसभा में भी इस बिल को पास कराने के लिए दो तिहाई से अधिक वोटों की जरूरत होगी।
राज्यसभा में ऐसे मिल सकता है बिल पर बहुमत?
राज्यसभा में एनडीए के पक्ष में सिर्फ 90 सदस्य हैं। इनमें बीजेपी के 73, निर्दलीय + मनोनीत 7, शिवसेना के 3, अकाली दल के 3, पूर्वोत्तर की पार्टियों की तीन (बोडोलैंड पीपल्स फ्रंट+सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट+नागा पीपल्स फ्रंट) और आरपीआई के 1 सांसद हैं।
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जबकि विपक्ष के पास 145 सांसद हैं। इनमें कांग्रेस के 50, तृण मूल कांग्रेस के 13, एनसीपी के 4, सपा के 13, बसपा के 4, एआईएडीएमके के 13, डीएमके के 4, बीजद के 9, टीडीपी के 6, आरजेडी के 5, सीपीएम के 5, आम आदमी पार्टी के 3, सीपीआई के 2, जेडीएस के 1, केरल कांग्रेस (मनी) के 1, आईएनएलडी के 1, आईयूएमएल के 1, 1 निर्दलीय और 1 नामित सदस्य शामिल हैं।