
केंद्र सरकार ने ट्विटर पर किसानों के विरोध प्रदर्शनों के बारे में गलत सूचना और भड़काऊ सामग्री फैलाने वाले 1178 पाकिस्तानी-खालिस्तानी अकाउंट को हटाने की मांग की है। लेकिन ट्विटर ने अभी तक पूरी तरह से आदेशों का पालन नहीं किया है।

केंद्र सरकार यह कदम इसलिए उठाया क्योंकि कुछ दिनों पहले ही सरकार ने 250 अकाउंट को ब्लॉक करने के लिए कहा था। इन अकाउंट के जरिए गलत सूचना फैलाने के साथ ही ‘किसान नरसंहार’ जैसे हैशटैग का इस्तेमाल किया गया था। ट्विटर को ताजा नोटिस पिछले हफ्ते गुरुवार को दिया गया था।
गृह मंत्रालय की एक रिपोर्ट के बाद आईटी मंत्रालय द्वारा यह मांग की गई है। नई सूची में खालिस्तान से सहानुभूति रखने वाले और पाकिस्तान लिंक वाले अकाउंट शामिल हैं। कुछ स्वचालित चैटबॉट हैं जिनका उपयोग किसानों के विरोध प्रदर्शन के दौरान गलत सूचना को बढ़ाने के लिए किया जा रहा है।
इन अकाउंट को ब्लॉक करने का निर्देश इस आधार पर दिया गया है कि वे देश में चल रहे किसानों के विरोध के बीच लोगों के लिए खतरा बन सकते हैं। माइक्रोब्लॉगिंग साइट ‘किसानों के विरोध’ पर गलत सूचना फैलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई न करके ‘भारतीय कानून का उल्लंघन’ करने के लिए आईटी मंत्रालय के रडार पर है।
केंद्र ने कहा था कि ट्विटर ‘सरकार के निर्देशों’ का पालन करने के लिए बाध्य है और ऐसा करने से इनकार करने पर उसके खिलाफ अधिनियम की धारा 69 ए के तहत ‘दंडात्मक कार्रवाई’ की जा सकती है। इसी बीच, ट्विटर इंडिया की सार्वजनिक नीति प्रमुख महिमा कौल ने व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।