
रिपोर्ट- ANIL TIWARI
सिद्वार्थनगरः पुलिस के काम करने का तरीके से आम लोग खासे परेशान रहते है । इन्हें भारतीय संविधान में लिखित कानून को ताक पर रखकर काम करने की आदत सी हो गई है । लोगों की समस्या को दूर करने की जगह उन्हें थाने के चक्कर लगवाने में इन्हें महारत हासिल है।
सिद्धार्थनगर के पुलिस अधीक्षक धर्मवीर सिंह से मिलकर यह परिवार एफ आई आर लिखवाने की गुहार लगाने के लिए पहुचा है । यह परिवार बीते 6 दिनों पहले दहेज के लिए जहर देकर एक बेटी को मार दिए जाने के मामले में न्याय के लिए एफआईआर दर्ज कराना चाहता है ।
जिसके लिए थाने के अतिरिक्त 3 दिनों से एस पी कार्यालय के चक्कर काट रहा है । आज मुलाकात हुई तो आश्वासन दिया गया । क्या यही भारतीय संविधान की धाराओं में वर्णित है कि किसी घटना से आहत होने के बाद एफआईआर लिखवाने के थाने व पुलिस अधिकारियों के कार्यालयों में चक्कर लगाओ। देखिए परेशान परिवार सिद्धार्थनगर जिले के गोल्हौरा थाने में अपनी बहन की मौत की रिपोर्ट लिखवाने के लिए क्या क्या हो चुका है उनकी खुद की जुबानी सुनिए । आपको हैरत होगी । थानों की हकीकत समझ आएगी । वादे व दावे सरकार बहुत करती है । लेकिन हकीकत यही है।
अब इस पूरे मामले के बारे में आपको बताते है । रोशनी की शादी 6 मई 2018 को गोल्हौरा के सुरेन्द्र उपाध्याय से हुई थी। शादी के बाद ससुराल में पैर रखते ही कम दहेज को लेकर प्रताड़ित किया जाने लगा। फिर रोजगार को लेकर मुम्बई सुरेन्द्र को ले जाया गया। जंहा लाखो रुपये दिए गए लेकिन वंहा भी मारपीट जारी रही इससे आजिज आकर मुम्बई इसकी एन सी आर लिखाई गई।
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तो खुद जान देने की बात करके दबाव बनाकर करने अपने गाव सेहरी , पत्नी रोशनी को लेकर चला आता है। और यंहा एक सप्ताह बाद 7 सितंबर की रात रोशनी की मौत हो जाती है । पोस्टमार्टम भी होता है । रोशनी के परिजन तभी से इस मामले को लेकर जहर खिलाकर मारने का आरोप को लेकर थाने के चक्कर लगा रहे है । लेकिन 6 दिन बीत जाने के बाद भी एफआईआर नही लिखी जा सकी । और एफआईआर लिखवाने के लिए रोशनी के परिजन मुम्बई में अपना घर बार छोड़कर यंहा पुलिस अधिकारियों के चक्कर काटने को मजबूर है ।