
नई दिल्ली| राज्यसभा ने शुक्रवार को विपक्ष के बहिर्गमन के बीच विवादास्पद शत्रु संपत्ति विधेयक को पारित कर दिया। शत्रु संपत्ति अधिनियम 1968 में संशोधन के लिए लाए गए इस विधेयक के मुताबिक शत्रु संपत्ति के सभी अधिकार कस्टोडियन में निहित होंगे और यह शत्रु द्वारा संपत्ति के स्थानांतरण को अमान्य घोषित करता है।
शत्रु संपत्ति विधेयक उच्च सदन में पास
यह अधिनियम के तहत पूर्व में हुए सभी स्थानांतरणों पर लागू होगा। इस विधेयक में यह भी प्रावधान है कि सिविल अदालतें या अन्य प्राधिकारी शत्रु संपत्ति से संबंधित विवादों की सुनवाई नहीं कर सकेंगे।
लोकसभा इस विधेयक को बीते साल मार्च में पारित कर चुकी है। इस विधेयक को विपक्ष के बहिर्गमन के बीच पारित किया गया। इसके पारित होने के समय सदन में एक भी विपक्षी सदस्य मौजूद नहीं था।