लक्ष्मण का रोल करने वाले सुनील लहरी और राम का सेट पर ऐसा… था व्यवहार
रामायण में लक्ष्मण के किरदार को अमर कर देने वाले कलाकार सुनली लहरी से आजतक से खास बातचीत की. उन्होंने सीरियल से जुड़ी कई ऐसी बातें बताई. साथ ही अपने साथी कलाकारों संग बॉन्ड पर चर्चा की.
1. क्या कभी रामायण के राम अरुण गोविल संग सेट पर जी के साथ सेट पर कोई लड़ाई हुई.
हम दोनों के किरदारों में बहुत फर्क था. अरुण जी काफी सीनियर आर्टिस्ट हैं. ऐसे में उनसे किसी विवाद की तो बात ही नहीं हो सकती. फिर वो भगवान थे और मैं इंसान. सही कहूं तो वो मेरा चांद की तरह शीतल थे. मेरा सूरज की तरह तेज था. उनके साथ कई बार काम किया. कई शोज किए. हमेशा ही ऑफ कैमरा भी बहुतअच्छे रिश्ते हैं हम दोनों के बीच.
2. क्या रामायण के सेट पर लड़ाइयां भी होती थी. क्या कभी ऐसा हुआ कि लड़ाई के सीन में किसी को चोट लग गई हो?
हंसते हुए सुनील जी ने बताया कि नहीं कभी किसी को किसी ने घायल तो नहीं किया. हालांकि सभी खुद को घायल जरूर कर लेते थे. इसकी वजह थी कि जो धनुष और तीर हम इस्तेमाल करते थे. वो काफी पैने और भारी होते थे. चलने का डायरेक्शन तो हमेशा सामने लगे ग्रीन पर्दे पर होता था. ऐसे में सामने वाला तो नहीं लेकिन हमारे हाथ जरूर छिल जाते थे. उस वक्त जो कॉस्ट्यूम हम पहनते थे. वो काफी भारी होते थे. गांव में जहां इतनी गर्मी हो शूट करना आसान नहीं था. ठीक वैसे ही जैसे किसी को गर्मी में टाइट कपड़े पहना देना. कॉस्ट्यूम ढ़ीले भी नहीं पहन सकते थे. क्योंकि पर्दे पर वो अच्छे नहीं दिखेंगे. विग पहनने पर तो सिर पर भार और गर्मी दोनों ही लगती. लेकिन वो कहावत है न जब ओखली में सिर दे दिया तो मूसल से क्या डरना. बस सब लोग यही सेाचकर काम करते गए.
3.रामायण के डायलॉग में रखा जाता था ध्यान, कहीं उर्दू न निकल जाए. हम शूट करने से पहले रिहर्सल करते थे. उतनी हिंदी तो तब भी नहीं बोली जाती थी. लेकिन डायलॉग को याद करके हम सीन को दिया करते थे. जैसे कोई हीरो तमिल भाषा को सीखे बिना उसके डायलॉग बोल देता है. वैसा ही कुछ था. धीरे धीरे शुद्ध हिंदी भी आराम से बोलते गए. हां कई शब्द बोलने में परेशानी होती थी. सीन में वो अटपटे नहीं लगे इसलिए हम उन्हें कई बार दोहराते हुए प्रैक्टिस कर लेते थे. सबसे ज्यादा इस बात का ध्यान रखना पड़ता था कि कोई उर्दू का शब्द नहीं आए.
4. राम और रावण की सेना में आपका फेवरेट कौन था. मेघनाद के साथ आपकी ऑफस्क्रीन केमिस्ट्री कैसी थी?
राम की सेना में तो ज्यादा किसी से करीबी नहीं रहा. हालांकि सबसे रिश्ते सेट पर अच्छे थे. लेकिन रावण की सेना से बहुत लोग मेरे जानने वाले थे. वो लोग काफी गाइड करते थे. मेघनाद का रोल प्ले करने वाले विजय जी ने तो बहुत गाइड किया. रावण का रोल करने वाले अरविंद जी तो बहुत ध्यान रखते थे. उनकी वाइफ तो सेट पर खाना भी लातीं. उनके जीवन का फलसफा खाओ और मौज करो था. अरविंद जी बहुत सज्जन व्यक्ति हैं. उन्होंने शूटिंग के समय बहुत ध्यान रखा.
5. रामायण में लक्ष्मण के रोल के लिए स्टारडम मिला लेकिन फीस कितनी मिली?
बस इतना कहूंगा कि पीनट्स मिलते थे. तब इतना खर्चा भी नहीं था. आज के जमाने की तरह. हालांकि आज कोई एक्टर एक शो करके घर बना सकता है. लेकिन तब हम पूरी रामायण करके भी घर बनाने की नहीं सोच सकते थे. आज की तरह पहले लाइफ को सिक्योर रखने जैसी सोच भी नहीं थी. आज समय नई सोच से आगे बढ़ रहा है.
6. आज के राम सीता, शंकर पार्वती को देखकर कैसा लगता है, क्योंकि मैथालॉजिकल सीरीयल इतने आए और चले गए.
ऐसा है सबसे पहली बात की वही बात लंबे समय तक चलती है जो दिल से निकली हो. जिसमें इमोशन हो. आज जो सीरियल आ रहे हैं. उनका सेट भव्य हैं कॉस्ट्यूम से लेकर नई तकनीक है. लेकिन जो बात 33 साल पहले थी वो इमोशन गायब हैं. ठीक वैसे ही जैसे आज के गाने आते हैं और कब चले जाते हैं पता हीनहीं चलता. पुराने गाने आज भी दिल में बसे हैं. उन्हें भुलाया नहीं जा सकता है.
7. बॉलीवुड के सितारों में किसे राम, सीता और लक्ष्मण के रोल में देखते है?
इंडस्ट्री में सितारे तो सभी अच्छे हैं. लेकिन सबसे बड़ी बात है जो आज इन सितारों की स्ट्रांग इमेज है उससे निकलकर रोल करना और छाप छोड़ना मुश्किल है. 33 साल पहले हमारी इमेज ने छाप छोड़ा. उसे ब्रेक कर पाना मुश्किल होगा. ऐसा नहीं है कि रणवीर सिंह राम नहीं बन सकते हैं. लेकिन उनकी अपनी एक बहुत स्ट्रांग इमेज बन गई है, उस जगह जब कोई दूसरा रामयण के किरदारों को करेगा तो लोग पुराने किरदारों को तलाश करेंगे.
8. किस एक्टर को लक्ष्मण के रोल के लिए परफेक्ट मानते हैं.
सितारे तो कई अचछे हैं लेकिन मुझे लगता है लक्ष्मण के लिए ऋतिक रोशन अच्छे रहेंगे. उनके फीचर्स काफी शार्प हैं. लक्ष्मण की जो एक छवि हैं. वो उसमें बहुत फिट बैठेंगे.