राज्‍यसभा में मोदी सरकार ने इतिहास लिखने की ओर बढ़ाया पहला कदम

राज्‍यसभानई दिल्ली। देश की संसद में आज इतिहास लिखा जा रहा है। 16 साल पहले जिस जीएसटी बिल की नींव तत्‍कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने रखी थी, उसे आज मोदी सरकार ने राज्‍यसभा में पेश कर दिया है।

राज्‍यसभा में जीएसटी

केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने विधेयक को राज्‍यसभा में पेश किया और उसके बाद इस पर चर्चा भी शुरू हो गई। इस विधेयक को लोकसभा पहले ही पारित कर चुकी है और उम्मीद है कि राज्यसभा से भी यह पारित हो जाएगा। इस विधेयक के अस्तित्व में आने से देश की कर व्यवस्था में बड़ा बदलाव आएगा।

आपको बता दें कि राज्यसभा में जीएसटी बिल पास होते ही देश भर में एक टैक्स नियम लागू हो जाएगा। यानी अभी तक जो भी इनडायरेक्ट टैक्स वसूला जा रहा था, या राज्य अपने-अपने तरीके से टैक्स वैट लगाते थे वो सब खत्म हो जाएगा। 30 से 35 फीसदी तक दिया जा रहा टैक्स घटकर इस बिल के पास होने के बाद सिर्फ 17 से 18 फीसदी पर आ जाएगा, क्योंकि एक्साइज टैक्स, सर्विस टैक्स, वैट, सेल्स टैक्स, एंटरटेनमेंट टैक्स और लक्जरी टैक्स खत्म हो जाएंगे।

आपको बता दें कि जीएसटी बिल की नींव 16 साल पहले वाजपेयी सरकार ने डाली थी। 16 साल पहले वाजपेयी सरकार अल्पमत में थी जिसके कारण बिल पेश नहीं कर सकी और साल 2009 में मनमोहन सरकार ने कोशिश की,  तो गैर-कांग्रेसी शासित राज्यों ने इसका विरोध कर दिया। अब केंद्र और ज्यादातर राज्यों में बीजेपी की बहुमत वाली सरकारें हैं, तो राज्यसभा में कांग्रेस को साथ लेने के लिए मोदी सरकार ने भी अपने रुख थोड़े नरम कर लिए हैं। इसके बाद कांग्रेस से भी सहमति बन गई है।

अब सवाल ये उठता है कि जीएसटी लागू होने से क्या सस्ता और क्या महंगा होगा? रेस्तरां में खाना खाना, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स मसलन एयर कंडीशन, माइक्रोवेव, मशीनरी सामान और माल ढुलाई सस्ती हो जाएगी, जबकि डिब्बा बंद फूड प्रोडक्ट्स, चाय, कॉफी, मोबाइल बिल, क्रेडिट कार्ड का बिल, ज्वैलरी और कपड़े महंगे हो जाएंगे।

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