
लखनऊ। बीते करीब दो साल से भाजपा के एक वरिष्ठ नेता को भारतीय रेलवे की ओर से 6 नोटिस भेजे जा चुके हैं। यह नोटिस 12 लाख रुपये का भुगतान करने के लिए है। सामरिया को उम्मीद थी कि पार्टी फंड से इसका भुगतान होगा। लेकिन रेलवे के ताजा नोटिस के बाद सामरिया के पसीने छूट गए।
दरअसल यह रकम लोकसभा चुनाव से पहले नरेंद्र मोदी की विजय शंखनाद रैली के लिए ट्रेन बुक कराने को लेकर है।
बीजेपी के वरिष्ठ नेता विनोद सामरिया को रेलवे की ओर से 12 लाख रुपये चुकाने के 6 नोटिस भेजे जा चुके हैं। ये बिल साल 2014 से लंबित हैं। उस समय के पीएम कैडीडेट नरेंद्र मोदी की विजय शंखनाद रैली के लिए विनोद सामरिया 2 मार्च, 2014 को पार्टी कार्यकर्ताओं को फतेहपुर सीकरी से लखनऊ लाए थे।
शुरुआत बुकिंग का खर्चा 18.4 लाख रुपये था, जिसमें 5 लाख की सिक्योरिटी भी शामिल थी। इसका भुगतान उन्होंने पार्टी फंड से किया था। रेलवे ने इस खर्चे को 30.68 लाख तक बढ़ा दिया, क्योंकि ट्रेन को 4 स्टेशनों पर समर्थकों को लेने के लिए रोका गया था।
अग्रिम भुगतान को समायोजित करते हुए अंतिम बिल राशि 12.3 लाख रुपये के करीब आई। सामरिया को उम्मीद थी कि पार्टी फंड से इसका भुगतान होगा। लेकिन 11 मई को रेलवे के ताजा नोटिस के बाद सामरिया के पसीने छूट गए।
2014 में फतेहपुर सीकरी नगर यूनिट में पार्टी अध्यक्ष रहे सामरिया कहते हैं, ट्रेन मेरे नाम पर बुक थी। मैं एक किसान हूं और इतने ज्यादा बिल का भुगतान नहीं कर सकता। पार्टी नेताओं से गुजारिशों के बावजूद, मुझे सिर्फ दिलासे ही मिले हैं। अगर पार्टी यह बिल नहीं भरती तो रेलवे मेरी संपत्ति कुर्क कर सकती है।
उन्होंने कहा, राज्य के बड़े नेताओं ने मुझसे कहा है कि मेरे खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी, क्योंकि दिल्ली में अपनी सरकार है। सामरिया ने कहा कि उन्होंने पार्टी के जिला अध्यक्ष, राज्य के पार्टी अध्यक्ष, रेलमंत्री सुरेश प्रभु और रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा से बात की है।
बीजेपी आगरा के अध्यक्ष श्याम भदौरिया ने पुष्टि करते हुए कहा कि सामरिया ने उनके मुलाकात की थी। उन्होंने कहा कि पिछले जिला अध्यक्ष के समय से यह मामला लंबित है, मैं इसे सुलझाने में लगा हूं। जब नॉर्थ सेंट्रल रेलवे के डीसीएम (आगरा डिविजन) से बातचीत की गई तो उन्होंने दावा कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है और वह इस मामले को देखेंगे। यूपी के डिप्टी चीफ मिनिस्टर ने अभी तक जवाब नहीं दिया है।