
नई दिल्ली। मुगलसराय रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर अब जनसंघ के नेता दीनदयाल उपाध्याय के नाम पर किया जाएगा। इसके लिए योगी सरकार के फैसले को गृह मंत्रालय ने हरी झंडी मिल गई है। लेकिन सरकार के इस फैसले के विरोध में समाजवादी पार्टी के सांसदों ने राज्यसभा में जमकर विरोध प्रदर्शन किया।
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बीजेपी इस साल पंडित दीनदयाल उपाध्याय का जन्म शताब्दी वर्ष मना रही है। योगी सरकार ने कैबिनेट की बैठक में मुगलसराय के मुख्य मार्ग का नाम दीनदयाल के नाम पर करने और प्रमुख चौराहे पर उनकी प्रतिमा लगाने और उसका नाम दीनदयाल चौक करने का भी निर्णय लिया था। इस बैठक में कहा गया था कि दीनदयाल उपाध्याय का निष्प्राण शरीर मुगलसराय रेलवे स्टेशन पर मिला था।
गृह मंत्रालय से मंजूरी मिलने के बाद रेलवे मंत्रालय से भी अपने रिकॉर्ड में बदलाव करने को कहा गया है ताकि रिजर्वेशन कराते वक्त यात्रियों को किसी किस्म दिक्कत पेश न आए। अधिकारी के मुताबिक अपने प्रस्ताव में यूपी सरकार ने इस स्टेशन पर उपाध्याय की रहस्यमय मौत की घटना को नाम बदलने के एक प्रमुख कारण के तौर जिक्र किया है।
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बता दें मुगलसराय एशिया का सबसे बड़ा मार्शलिंग यार्ड है और इसे सबसे पुराने स्टेशनों में से एक माना जाता है और इसी जंक्शन से ग्रैंड कार्ड रेल लाइन भी शुरू होती है।
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