भारत की ऊँची उड़ान, चाराें तरफ से देश की रक्षा करेगा ये उपग्रह

भारतश्रीहरिकोटा| भारत ने गुरुवार को श्रीहरिकोटा प्रक्षेपण स्थल से स्वदेश निर्मित रॉकेट की मदद से दो टन से अधिक वजनी अत्याधुनिक मौसम उपग्रह ‘इनसैट-3डीआर’ प्रक्षेपित किया| अपराह्न करीब 4.50 बजे जीएसएलवी श्रेणी के नवीनतम रॉकेट जीएसएलवी-एफ05 के जरिए मौसम उपग्रह को सतीश धवन स्पेस सेंटर के दूसरे लांच पैड से प्रक्षेपित किया गया| रॉकेट के तीसरे चरण में ईंधन भरने में हुई देरी के कारण प्रक्षेपण 40 मिनट विलंब से हुआ|

भारत की लम्बी छलांग

अंतरिक्ष एजेंसी इसरो के अनुसार, भूस्थितर परिवर्तन कक्षा (जीटीओ) में पहुंचने के बाद 2,211 किग्रा वजन वाला सैटेलाइट इनसैट-3डीआर अपने प्रोपल्शन सिस्टम की मदद से अंतिम गंतव्य “भूसमकालिक” (जियोसिन्क्रोनस) कक्षा में पहुंच  गया| इसे 74 डिग्री पूर्वी देशान्तर पर स्थापित किया गया है| आईएनएसएटी-3डीआर के  जीटीओ में पहुंचने के बाद सैटेलाइट के सौर पैनल ने भी तत्काल प्रभाव से काम करना शुरू कर दिया है|

विभिन्न सेवाएं देने के साथ साथ आईएनएसएटी-3डीआर तटरक्षक, भारतीय हवाई अड्डा प्राधिकरण, जहाजरानी एवं रक्षा सेवाओं सहित विभिन्न उपयोगकर्ताओं के लिए आईएनएसएटी-3डी द्वारा मुहैया कराई जाने वाली संचालनगत सेवाओं से संबद्ध होगा| आईएनएसएटी-3डीआर की मिशन अवधि 10 साल है|

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