BJP लाई मोदी और शाह से भी खतरनाक नेता, लोग प्यार से बोलते हैं- छोटा अमित शाह

भाजपानई दिल्ली : देश के पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव के परिणाम आए अभी एक सप्ताह का ही हुआ है। लेकिन भाजपा बिना समय गंवाए और जोश ठण्डा पड़े बिना अपने अगले टारगेट को सेट कर लिया है। पार्टी का अगला निशाना यूपी और उत्तराखंड की तरह आसान नहीं हैं। ये टारगेट पूर्वोत्तर का एक राज्य है, जिसे भेदना पीएम मोदी के बस का भी नहीं है। लेकिन इसके लिये बीजेपी और खुद मोदी ने इसे भेदने का पूरा प्लान बना लिया है और अचूक निशाना लगाने वाला भी तय कर लिया गया है।

भारतीय जनता पार्टी ने अपनी अगली फतह के लिए किसी बड़े और केंद्र के नामी चेहरे से दूरी बनाते हुए इसकी जिम्मेदारी असम भाजपा के नेता डॉक्टर हिमंत बिस्वा शर्मा को सौंपी है। इन्होंने ही असम में भी कमल खिलाने में सबसे बड़ा रोल निभाया है। इनके दम पर ही अरुणचाल , मणिपुर में भाजपा की सरकार बनाने में सफल हो पाई है।

भाजपा के छोेटे अमित शाह

कभी कांग्रेस से नाता तोड़कर भगवा चोला ओढ़ने वाले हिमंत बिस्वा शर्मा ने भाजपा में छोटे कार्यकाल में कई सारी उपलब्धियां अपने नाम कर चुके हैं। उनकी रणनीति और सफलता को देखकर तो उन्हें पूर्वोत्तर का अमित शाह माना जा रहा है। वहीं से जोड़तोड़ और जुगाड़ की राजनीति के दम पर पूर्वोत्तर के तीनो राज्यों से कांग्रेस की लंका ढाह दी। अब उनका अगला निशाना मेघालय हैं, यहां पर अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं।

हिमंत बिस्वा रणनीति के तहत मणिपुर विधानसभा चुनाव में 60 सीटों पर लड़ी भाजपा भले ही स्‍पष्‍ट बहुमत से 9 सींटे दूर रह गई हो लेकिन 21 सींटे पाकर ब़ड़ी कामयाबी दर्ज की। इसके लिए बिस्वा छोटी पार्टियों के संपर्क साध रखा था। साथ ही हिंमत नगा पीपुल्स पार्टी और नेसनल पीपल्स पार्टी के विधायको को एक साथ लेकर आए।

अरुणाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री पेमा खांडु समेत 33 विधायक कांग्रेस छोड़कर पीपुल्स पार्टी ऑफ़ अरुणाचल में शामिल होते हैं. फिर ये लोग भाजपा में शामिल हो जाते हैं और अरुणाचल में भाजपा सरकार बनती है.

बता दें असम में भाजपा को जीत दिलाने में उनकी अहम भूमिका को देखते हुए हिमंत बिस्वा को नॉर्थ ईस्ट डेमोक्रेटिक एलायंस (नेडा) का संयोजक उसी दिन बना दिया गया, जिस दिन सोनोवाल सरकार ने शपथ ली थी।

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