बस्ती। भाजपा कार्यकर्ताओं की नाराजगी और बुलंद हो रहे बगावत के सुर पार्टी के लिए गले की फांस बनते जा रहे हैं। टिकट न मिलने से कार्यकर्ता की नाराजगी अब चरम पर पहुँच चुकी है। इसका सीधा उदाहरण बस्ती में भाजपा मंत्री को बंधक बनाने का मामला है। संगठन मंत्री नागेन्द्र इस दौरान लाचार नजर आए। स्थिति से बचने के लिए उन्होंने कार्यकर्ताओं को उनकी मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया। तब जाकर उन्हें छोड़ा गया। बता दें कार्यकर्ता लगातार प्रत्याशी बदलने के लिये विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
भाजपा मंत्री को बंधक बनाने का मामला
आरोप है कि सांसद हरीश द्विवेदी ने अपने चहेतों को टिकट दिलाने के लिये दलबदलुओं को साथ दिया। साथ ही पांचो विधानसभा में बाहरी दलों से आये दावेदारों को उम्मीदवार बना दिया।
बस्ती में बीजेपी की गणित बिगाड़ने के लिये भाजपा के नेता एक मैरेज हाल में बैठक कर रहे थे। जिसमें यह निर्णय लिया गया कि भाजपा के मूल और असली कार्यकतर्ता वे ही हैं, इसके अलावा जिन्हे प्रत्याशी बनाया गया है वे सभी नकली भाजपाई है।
इस बैठक की जानकारी होते ही सांसद हरीश द्विवेदी और बीजेपी के जिलाध्यक्ष ने मध्यस्था के तौर पर बिहार राज्य के संगठन मंत्री नागेन्द्र को बातचीत करने के लिये भेजा गया। लेकिन उन्हें भी नाराज कार्यकर्ताओं के गुस्से का शिकार होना पड़ गया।
कुछ देर बात करने के बाद विवाद इतना बढ़ गया कि टिकट न पाने नेता संजय चौधरी आपा खो बैठे और
संगठन मंत्री से हाथापाई पर उतर आये।
इतना आक्रोश देखकर संगठन मंत्री भी सकते में आ गये और हाथ जोड़कर पूरी तरह से लाचार दिखे। इतना ही नहीं जब संगठन मंत्री मौके की नजाकत को भांप वापस जाने के फिराक में थे तो कार्यकर्ताओं ने हॉल का गेट बंद कर दिया।
भड़के कार्यकर्ता घंटो उन्हे बंधक बनाकर विरोध जताने लगे। नाराज कार्यकर्ताओं और बीजेपी नेताओं ने चेतावनी दी कि अगर शीर्ष नेतृत्व प्रत्याशी नहीं बदलती है तो बस्ती के किसी भी सीट पर दलबदलु भाजपा उम्मीदवार को किसी भी कीमत पर जीतने नहीं दिया जाएगा।
आक्रोशित कार्त्काताओं के बीच उन्हें समझाने पहुंचे संगठन मंत्री खुद मुसीबत में फंस गए। जैसे-तैसे वे खुद इस स्थिति से बाहर निकले। लिहाजा उन्हें मुंह की खाने के बाद बिना किसी नतीजे के बैरंग वापस लौटना पड़ा।