भगौती जिन्दा है: 35 साल से खुद को जिन्दा साबित करने के लिए भटक रहा किसान

शकुन्तला

मलिहाबाद के सेंधरवां गांव में एक किसान पिछले 35 साल से खुद को जिन्दा साबित करने के लिए संघर्ष कर रहा है। दबंगो के दर से माता-पिता की मौत के बाद गुजरात चला गया था किसान भगौती।

लखनऊ के मलिहाबाद में सेंधरवां गांव में एक किसान पिछले 35 साल से खुद को जिन्दा साबित करने के लिए संघर्ष कर रहा है। मामला तब संज्ञान में आया जब पिछले दिनों लगे जनता दर्शन में पीड़ित किसान ने सभी दस्तावेज के साथ डीएम सूर्य पाल गंगावर को अपनी पीड़ा बताई। किसान भगौती के कागजात को देख कर मामले को संज्ञान में लिया और मलिहाबाद एसडीएम प्रज्ञा पाडेय को पत्र लिख कर कोर्ट में मुकदमा दर्ज कर नियमित सुनवाई के आदेश दिए हैं। कोर्ट में भगौती का मामला दर्ज कर उसका निस्तारण किया जाएगा। यदि किसान के दावे सही पाए जायेंगे तो खतौनी में बतौर खातेदार भगौती का नाम दर्ज होगा।

दरअसल पूरा मामला 1970 का जब सेंधरवां में रहने वाले किसान भगौती के माता पिता की मृत्यु हो गयी जिसके बाद गांव के कुछ  दबंग उसपर  उसकी 10 बीघा जमीन बेचने के लिए दबाव बनाने लगे। घर में अकेले रहने की वजह से किसान दबंगो के दर से गांव छोड़ के 1973 में गुजरात चला गया और वही उसने शादी कर ली। जब 1987 में किसान वापस अपने गांव आया तो उसे पता चला की उसके ना रहने पर उसकी जमीन दूसरे लोगो ने कब्ज़ा कर लिया है।

गांव लौटने के बाद किसान को पता चला कि उसकी दस बीघा जमीन का बैनामा कर दिया गया है। किसी दूसरे व्यक्ति को उस जमीन का मालिक बताकर रजिस्ट्री भी कर दी गई। दबंगों ने किसान भगौती को मृत भी घोषित कर दिया। जिसके बाद अपनी जमीन पर कब्जा और बैनामे की जानकारी पर किसान तहसील, कलेक्ट्रेट के ऑफिसो के चक्कर लगाकर खुद को जीवित साबित करने का प्रयास कर रहा है।

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