भंवरी हत्याकांड जिसने राजस्थान में कांग्रेस की तख्त बदल दिया था
कांग्रेस ने राजस्थान विधानसभा चुनावों के लिए लूणी से पूर्व विधायक और भंवरी देवी हत्याकांड में जेल में बंद मलखान सिंह विश्नोई के पुत्र महेंद्र विश्नोई के मामले में शुक्रवार को एससी एसटी कोर्ट का फैसला आना है. कांग्रेस ने पिछले विधानसभा चुनावों में इन दोनों को ही टिकट दिया था.
साथ ही इसी हत्याकांड में जेल में बंद महिपाल मदेरणा की बेटी दिव्या मदेरणा को भी कांग्रेस ने ओसियांं से टिकट दिया था. सात साल पहले वर्ष 2011 में इस हत्याकांड ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था. इस मामले के चलते कांग्रेस को मारवाड़(पश्चिमी राजस्थान) में खासा नुकसान उठाना पड़ा था. जोधपुर, बाड़मेर और जैसलमेर जिलों में कांग्रेस को 19 में से केवल दो सीट मिली थी.
वर्ष 2011 में राजस्थान की नर्स और लोकगायिका भंवरी देवी गायब हो गई. बाद में पता लगा कि उसकी हत्या कर दी गई है. इस मामले में राजस्थान के पूर्व कैबिनेट मंत्री महिपाल मदेरणा और कांग्रेस विधायक मलखान सिंह विश्नोई पर हत्या का आरोप लगा. बाद में इस मामले ने इतना तूल पकड़ा कि जांच का काम सीबीआई को दिया गया.
जोधपुर में सीबीआई की विशेष अदालत में जांच एजेंसी ने महिपाल मदेरणा और मलखान समेत 17 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दायर की. आरोप पत्र में इन अभियुक्तों पर हत्या समेत कई धाराएं जोड़ी गईं. करीब सौ पेज का आरोप पत्र तैयार करने में सीबीआई ने 300 से ज्यादा गवाहों के बयान लिए.
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इस मामले ने तब तूल पकड़ा जब स्वास्थ्य विभाग में एएनएम भंवरी के पति अमरचंद ने 20 सितंबर को रिपोर्ट लिखाई कि उसकी बीवी 20 दिनों से लापता है. उसने मदेरणा के खिलाफ नामजद रिपोर्ट लिखाई. पुलिस ने 2 दिसंबर को मदेरणा और फिर मलखान को गिरफ्तार कर लिया गया. तब से ही दोनों जेल में हैं.
सीडी ने मचाया था तहलका
भंवरी के गायब होने के कुछ दिनों बाद एक सीडी भी सामने आई जिसमें मदेरणा और भंवरी देवी की कुछ तस्वीरें थीं. भंवरी के रिश्ते मदेरणा से थे. ये आरोप लगे कि इन तस्वीरों के जरिए भंवरी राजस्थान के मंत्री मदेरणा को ब्लैकमेल करती थी.
भंवरी के रिश्ते मलखान से भी बताए गए. मलखान से भंवरी को एक बेटी भी पैदा हुई थी, जिसका वह लगातार हक मांगा करती थी. इस सीडी ने राजस्थान की सियासत को हिला कर रख दिया था.
इस सीडी को बनवाने का आइडिया मलखान की बहन इंद्रा ने भंवरी को दिया था. इंद्रा महिला और बाल विकास में सुपरवाइज़र के पद और तैनात थी और भंवरी देवी की सबसे करीबी दोस्तों में से एक थी. इंद्रा इस सीडी के सहारे मदेरणा को ब्लैकमेल करके पद से हटवाते हुए अपने भाई मलखान को मंत्री बनवाना चाहती थी.
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इसी के चलते उसने साजिश के तहत सीडी हथियाने के लिए विश्नाराम गैंग की मदद से भंवरी का अपहरण कराया. गैंग ने भंवरी से सीडी पाने के लिए उसे टॉर्चर करना शुरू किया.
इसी बीच भंवरी को ये गैंग दूसरे स्थान पर ले जाने लगा तो भंवरी ने हल्ला मचाया. जिसके बाद गला दबाने से उसकी मौत हो गई. भंवरी की लाश को पूरी तरह से जला दिया गया. राख को सड़क पर फेंक दिया गया.