
जम्मू-कश्मीर के सुमीत शर्मा (22), सनिल शर्मा और सचिन सहित तीन युवकों को रूसी सेना ने जबरन यूक्रेन युद्ध में धकेल दिया है। ये युवक रूस स्टूडेंट वीजा पर गए थे, लेकिन एजेंटों के जाल में फंसकर सेना में भर्ती कर लिए गए।
सुमीत ने मॉस्को स्टेट लिंग्विस्टिक यूनिवर्सिटी में भाषा कोर्स कर रहे थे, जब उन्हें पार्ट-टाइम जॉब का लालच देकर कंस्ट्रक्शन वर्क का झांसा दिया गया। कागजात साइन कराने के बाद उन्हें 10 दिनों का हथियार प्रशिक्षण देकर यूक्रेन के डोनेट्स्क क्षेत्र के सेलिडोवे (रूस कब्जा क्षेत्र) भेज दिया गया। वहां वे रूसी सैनिकों के साथ फ्रंटलाइन पर लड़ने को मजबूर हैं।
सुमीत ने परिवार को भेजे वीडियो में कहा, “हम 15 भारतीयों का ग्रुप है, लेकिन 4 लापता हैं, शायद मर चुके। हमें भोजन नहीं मिलता, गोलियां चलाने को कहा जाता है। भागने की कोशिश पर गोली मारने की धमकी दी जाती है।” अन्य दो जम्मू युवक भी इसी ग्रुप में हैं। विदेश मंत्रालय (MEA) ने मॉस्को से इनकी रिहाई की मांग की है। प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि भारत ने रूस से भारतीयों की भर्ती बंद करने को कहा है और प्रभावित परिवारों से संपर्क रखने को कहा।
यह समस्या जम्मू तक सीमित नहीं। उत्तर भारत के कई राज्यों से 126 से अधिक युवक रूसी सेना में फंसे हैं, जिनमें 13 सक्रिय हैं और 12 लापता। मुख्य प्रभावित राज्य हैं:
- पंजाब: 15+ युवक, जैसे समरजीत सिंह (लुधियाना), बूटा सिंह। जून से 15 पंजाबी युवकों को भेजा गया।
- हरियाणा: अंकित जांगड़ा (फतेहाबाद), विजय पूनिया। ये KFC में पार्ट-टाइम जॉब कर रहे थे, लेकिन कंसक्रिप्ट हो गए।
- उत्तर प्रदेश: राकेश यादव (फिरोजाबाद) ने 8 महीने युद्ध लड़ा, अब लौटे; अन्य जैसे गीतिक कुमार।
- अन्य राज्य: गुजरात, केरल (कई केरल युवक रूस जा रहे), महाराष्ट्र, तेलंगाना। कुल 127 भारतीय भर्ती हुए, 98 रिहा, लेकिन नए मामले आ रहे।
परिवारों का आरोप है कि एजेंट नौकरी का झांसा देकर 4-5 लाख रुपये ऐंठते हैं, फिर वेतन और चोट मुआवजा लूट लेते। कांग्रेस सांसद पारगत सिंह ने कहा कि 126 युवक फंसे हैं, 15 लापता। MEA ने चेतावनी जारी की: रूस जाने से बचें, सेना भर्ती के ऑफर खतरनाक। पीएम मोदी ने जुलाई 2024 में पुतिन से बात की, लेकिन भर्तियां जारी।