
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए यहां आए रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच शनिवार को द्विपक्षीय वार्ता शुरू हो गई। उनकी यह वार्ता ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के इतर हो रही है।
दोनों नेताओं की मुलाकात वार्षिक भारत-रूस शिखर सम्मेलन का हिस्सा है। इसके साथ ही दोनों देशों के बीच रक्षा, ऊर्जा तथा कृषि आधारित 16 व्यावसायिक समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए हैं।
ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से पहले अहम बात
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की मौजूदगी में पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत और रूस के बीच बेहद गहरा रिश्ता है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति पुतिन के भारत प्रेम से वह अवगत हैं और इस रिश्ते का सम्मान करते हैं।
उन्होंने कहा कि भारत और रूस आने वाले समय में संयुक्त रूप से विज्ञान और तकनीक आयोग बनाएंगे और इस दिशा में मिलकर काम करेंगे।
आतंकवाद का मुद्दा छेड़ते हुए पीएम मोदी ने कहा, ‘राष्ट्रपति पुतिन आतंकवाद के खिलाफ भारत की रणनीति का खुलकर समर्थन करते हैं। भारत और रूस ने अब आतंकवाद को नहीं सहने का फैसला किया है।’ उन्होंने कहा कि भारत की ओर से सीमा पार हुई कार्रवाई का भी रूस समर्थन करता है।
व्यापार पर बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि बीते चार महीनों में भारतीय कंपनियों ने रूस में साढ़े पांच बिलियन अमेरिकी डॉलर लगाए हैं। यह पैसा तेल और गैस के सेक्टर में लगाया गया है।
इससे पहले विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने कहा, “मोदी और पुतिन रक्षा, आतंकवाद से मुकाबले सहित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करेंगे।”
इससे पहले पुतिन जब गोवा के डैबोलिम हवाईअड्डे पर पहुंचे तो उनका रेड कार्पेट पर स्वागत किया गया। इसके बाद मोदी ने ट्विटर पर उनका अभिवादन करते हुए लिखा, “भारत आपका स्वागत करता है राष्ट्रपति पुतिन। आपकी यात्रा फलदायी हो।” पुतिन के साथ भारत दौरे पर रक्षा, ऊर्जा, व्यापार और उद्योग मंत्रालयों के शीर्ष अधिकारी भी आए हुए हैं।
मोदी और पुतिन वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए कुडनकुलम परमाणु बिजली परियोजना (केएनपीपी) की तीसरी और चौथी इकाइयों की स्थापना के लिए शिलान्यास समारोह में भी हिस्सा लेंगे। दोनों देशों के बीच इस पर एक समझौते की भी उम्मीद जताई जा रही है।