बुलंदशहर के शिकारपुर में संघ ने तैयार करवाया सैन्य विद्यालय, अगले सत्र से शुरू होगी पढ़ाई

REPORT- कपिल सिंह/बुलंदशहर

खबर उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर से है बुलंदशहर के शिकारपुर तहसील के गांव खंडवाया में संघ के द्वारा एक सैन्य विद्यालय तैयार किया जा रहा हैं, इतना ही नहीं माना जा रहा है कि इस स्कूल में अगले सत्र से पढ़ाई शुरू हो जाएगी और ये पूरी तरह से आवासीय विधालय होगा.

ये देश का संघ द्वारा संचालित पहला स्कूल होगा, जहां शिक्षा ग्रहण करने वाले छात्रों को सेना में जाने के योग्य बनाने के लिए उन्हों तैयार किया जाएगा।

army school

बुलंदशहर के शिकारपुर तहसील अंतर्गत खंडवाया गांव में एक सैन्य विद्यालय का निर्माण इन दिनों किया जा रहा है यह विद्यालय स्वयंसेवक संघ के द्वारा तैयार कराया जा रहा है और माना जा रहा है कि इस विद्यालय में सैन्य प्रशिक्षण भी स्टूडेंट्स को दिया जाएगा 16 बीघा जमीन पर निर्माण कार्य इन दिनों चल रहा है.

तो वहीं 16 बीघा पर अलग से बाद में सैन्य प्रशिक्षण समेत तमाम तैयारियां छात्रों को कराई जाएंगी ,उसके लिए काम अभी चलना बाकी है फिलहाल यहां युध्दस्तर पर निर्माण कार्य चल रहा है,

इस स्कूल का नाम राष्ट्रीय स्वयंसेवक के चौथे सर संघचालक रज्जुभैया के नाम पर है,हम आपको बता दें कि रज्जुभैया बुलंदशहर जिले के पहासू क्षेत्र के बनैल गांव के मूल निवासी थे ,इस स्कूल के निर्माण के लिए शिकारपुर तहसील के खण्डवाया के रहने वाले चौधरी राजपाल सिंह ने 32 बीघा जमीन एक ट्रस्ट बनाकर दान स्वरूप दी है, जिस ट्रस्ट का नाम राजपाल जन कल्याण सेवा समिति है.

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हम आपको बता दें कि राजपाल सिंह पूर्व में सेना में रहे हैं और उनके कोई संतान भी नहीं है ,राजपाल सिंह का कहना है कि उनके कोई संतान नहीं है और उन्हें हर वक्त ये लगता था कि जीते जी कुछ ऐसा हो जाये ताकि उनके दुनिया से जाने के बाद उन्हें ये दुनिया याद करे इसके लिए राजपाल सिंह ने संघ के नेताओं से मुलाकात की और अपनी जमीन एक ट्रस्ट बनाकर संघ को दे दी.

जिसके बाद अब संघ की तरफ से ये स्कूल तैयार किया जा रहा है ,इस स्कूल में सैन्य प्रशिक्षण दिया जाएगा।

फिलहाल संघ के द्वारा इस स्कूल के निर्माण के लिए दिलचस्पी को इस बात से समझा जा सकता है कि यहां अपना एक प्रतिनिधि संघ ने नियुक्त किया हुआ है ,जो कि प्रत्येक दिवस में होने वाले कार्य की रिपोर्ट शासन को सौंपता है।

इस स्कूल के खुलने के बाद इस क्षेत्र लोगों को उम्मीद है कि बुलंदशहर जिले का नाम भी इस स्कूल के चलते अलग पहचान बनाएगा और खंडवाया गांव की भी अपनी एक अलग पहचान भी हो सकती है।

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