
नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को चिट्टी लिखकर जजों के फोन टैपिंग के सबूत मांगे हैं। केजरीवाल ने शुक्रवार को कहा- ”आईबी (इंटेलिजेंस ब्यूरो) से पूछो, वे आपको बताएंगे। आईबी सबके फोन टैप करती है। मेरा भी करती है, लेकिन जजों के फोन टैप करना गलत है। उन्हें ब्लैकमेल किया जा सकता है और इसका सीधा असर ज्यूडिशियल प्रोसेस पर पड़ेगा।”
चिट्टी में पूछा क्या था खबर का सोर्स…
पुलिस कमिश्नर आलोक वर्मा ने चिट्ठी में लिखा- ”हाईकोर्ट की 50वीं सालगिरह पर आपने कथित तौर पर आरोप लगाया था कि जजों के फोन टैप किए जा रहे हैं।”
उन्होंने कहा कि, आपने कुछ जजों को बात करते हुए सुना था। जैसा कि आपको मालूम है कि फोन टेपिंग एक गंभीर मामला है। तब तक इसकी मंजूरी नहीं मिलती है, जब तक कोई अफसर कानूनी तौर तरीकों के तहत इसकी सिफारिश न कर दे। इसलिए इस बारे में आपका जिक्र करना गंभीर चिंता का विषय है। आप हमें फोन टैपिंग की किसी घटना के बारे में बताए, जिसके हवाले से आपने इसका जिक्र स्पीच में किया।
अगर आप हमें उस सोर्स की जानकारी देंगे, जिसके हवाले से आपने यह आरोप लगाया है तो हम मामले में उचित कदम उठाए जा सकेंगे ।
पीएम और चीफ जस्टिस की मौजूदगी में लगाया था आरोप
मालूम हो कि, हाईकोर्ट के गोल्डन जुबली प्रोग्राम में केजरीवाल ने पीएम और चीफ जस्टिस की मौजूदगी में कहा था कि मैंन जजों को बात करते सुना है कि फोन पर बात मत किया करों, हमारे फोन टैप हो रहे हैं।
31 अक्टूबर को केजरीवाल ने कहा था कि , ”मैं नहीं जानता कि इसमें कितनी सच्चाई है। लेकिन अगर ऐसा (जजों के फोन टैपिंग) होता है तो ये कोर्ट के लिए बहुत खतरनाक है।
अदालतों में खाली पड़े पदों पर भी उठाया था सवाल
केजरीवाल ने अदालतों में खाली पदों और सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम सिस्टम की सिफारिशों को लागू करने में देरी पर भी सवाल उठाए थे।
हालांकि, इसी प्रोग्राम में कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने केजरीवाल के आरोपों को गलत बताया था।
गृह मंत्रालय ने फोन टैपिंग के आरोपों को खारिज करते हुए एक बयान जारी कर कहा था कि हम जजों के फोन टैपिंग के आरोपों से इनकार करते हैं। इसमें कोई सच्चाई नहीं, रिपोर्ट बेबुनियाद हैं।