प्रेरणा : 73 साल के बुज़ुर्ग बने छात्रों के लिए मिसाल, इस उम्र में फिर से शुरू की पढाई !

रिपोर्ट-अखिल श्रीवास्तव

रायबरेली : कहते है ना सीखने व पढ़ने की कोई उम्र नही होती आदमी ताउम्र सीखता व पढ़ता रहता है | जिस तरह समाज व परिवार में रहकर लोगो को अनुभव प्राप्त होते है उसी तरह किसी भी उम्र में पढ़ाई करके ज्ञानार्जन करना व्यक्ति के लिए काफी लाभकारी होता है |

जब नौजवानों के बीच मे 73 साल का बुजुर्ग सीखने की ललक रख रहा हो तो ये आजकल के नौजवानों के लिए बहुत बड़ी सीख होगी |

एक बार फेल होकर मायूसी के आगोश में समा जाते हो उन छात्रो के लिए रायबरेली के कृष्ण बहादुर सिंह मिसाल के रूप में है | जी हां, हम बात कर रहे हैं, कृष्ण बहादुर सिंह की जो रायबरेली शहर के भदोखर थाना क्षेत्र के देदानी गाव के रहने वाले है और एक निजी स्कूल में इंटर मीडिएट में अंग्रेजी के लेक्चरर भी हैं |

लंबे इंतजार के बाद PGI संस्थान में रोबोटिक ऑपरेशन का ट्रायल हुआ संपन्न, सभी मरीज स्वस्थ !

दरअसल, कृष्ण बहादुर सिंह ने 1974 में अंग्रेजी विषय मे परास्नातक डिग्री प्राप्त की थी लेकिन उनकी अंक तालिका खो गई जिसके बाद उस अभिलेख की चाहत में उन्होंने फिर से 73 साल की उम्र में एक बार फिर कालेज में दाखिला लेने का फैसला किया |

उनसे जब अब क्या करेंगे के विषय मे बात की गई तो उनका कहना है कि पढ़ने की कोई उम्र नही होती और अभी भी मेरा हौसला बुलंद है कि मैं अंग्रेजी विषय मे पढ़ कर समाज व गाँव  में अपने ज्ञान का प्रसार कर उन लोगो के लिए प्रेरणा बनना चाहता हूँ जो एक बार फेल होकर अपनी पढ़ाई छोड़ देते है या फिर हताश निराश होकर आत्महत्या तक कर लेते हैं |

 

LIVE TV