पुल के निर्माण के लिए राहुल गांधी ने लिखा था पत्र लेकिन, विधायकों को नहीं पसंद आई ये बात…
नई दिल्ली। 2019 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को बड़ी हार झेलनी पड़ी थी। कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष राहुल गांधी ने दो जगहों से अपनी किस्मत आजमाई थी, पहला कांग्रेस का गढ़ मानी जाने वाली अमेठी और दुसरी वायनाड। वायनाड से राहुल गांधी को जीत मिली थी लेकिन अमेठी से उनको हार का मुंह देखन पड़ा था।
इस समय वे वायनाड से सांसद हैं। जिसे लेकर राहुल गांधी ने जिला कलेक्टर ए. आर. अजय कुमार को था लेकिन मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी(माकपा) के विधायक ओ. आर. केलू को ये नागवार गुजरा है। गांधी ने कालिंदी नदी पर एक स्थायी पुल के निर्माण के लिए क्लेक्टर से अनुरोध किया था, जिस पर केलू की तीखी प्रतिक्रिया आई है। केलू वायनाड संसदीय निर्वाचन क्षेत्र के तहत आने वाली मंथावडी विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं।
गांधी ने बुधवार को कलेक्टर को पत्र लिखकर नेत्तारा जनजातीय कॉलोनी के 150 से अधिक निवासियों के लिए एक पुल के निर्माण का अनुरोध किया। केलू ने आईएएनएस से कहा, “गांधी के प्रति सम्मान प्रकट करते हुए मैं उन्हें बताना चाहूंगा कि उन्हें वायनाड के संपूर्ण विकास के लिए केंद्र का पूरा समर्थन सुनिश्चित करना चाहिए।”
केलू ने कहा, “गांधी को पुल जैसी चीजें विधायक पर छोड़ देनी चाहिए, जो पिछले दो वर्षों से इस पुल के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं। वायनाड के 2009 में निर्वाचन क्षेत्र बनने के बाद से यहां कांग्रेस के ही सांसद बनते रहे हैं। गांधी से मेरा विनम्र आग्रह है कि वह अपनी पार्टी के सहयोगियों से पूछें कि इस दौरान वे पुल बनवाने के लिए क्या रहे थे?” उन्होंने कहा कि 2018 में निधन से पहले एम. आई. शनावाज यहां से करीब दो कार्यकाल के लिए कांग्रेस के लोकसभा सदस्य थे।
इस दौरान केलू ने वायनाड से होकर गुजरने वाली रेलवे लाइन और ऐसे ही अन्य कई बड़े स्थानीय मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने की नसीहत देते हुए पुल का मुद्दा विधायक पर छोड़ने की बात कही।
एक दशक से अधिक समय से नेत्तारा क्षेत्र के आदिवासी लकड़ी के पुल का उपयोग कर रहे हैं, जो हर मॉनसून में बह जाता है। इसके बाद एक नया पुल बनने तक वे फंसे रहते हैं।
केलू ने कहा, “मुझे 150 मीटर लंबे पुल और 1.5 किमी लंबी सड़क के लिए वार्षिक बजट में से 10 करोड़ रुपये का आवंटन मिला है। मैं इसके लिए लगभग दो साल से काम कर रहा हूं। हम पुल के लिए प्रशासनिक मंजूरी की उम्मीद कर रहे हैं और इसके लिए छह महीने में काम भी शुरू हो जाएगा।”
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वायनाड के जिला कलेक्टर अजय कुमार ने आईएएनएस को बताया कि उन्होंने गांधी के पत्र को इंजीनियरिंग अधिकारी को भेज दिया है। उन्होंने कहा, “मैंने उन्हें एक रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा है। रिपोर्ट मिलने के बाद इसे आगे की प्रक्रिया के लिए बढ़ा दिया जाएगा।”