
रिपोर्ट- कपिल सिंह
बुलंदशहर – दिल्ली और एनसीआर में पराली से होने वाले वायु प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए एनजीटी ने कृषि विभाग के माध्यम से किसानों को फ्री में पराली से खाद बनाने में प्रयुक्त होने वाली कृषि मशीन देनी शुरू कर दी है, जिससे किसान पराली को जलाने के बजाय खेत में जोतकर खाद बना सकेंगे और पराली से बनने वाली खाद से मिटटी की उरवर्रा शक्ति भी प्रभावित नही होगी।
दिल्ली और एनसीआर में गन्ने व मूजी की पराली जलाये जाने से वायु प्रदूषण का स्तर इतना बढ गया था कि दिल्ली व एनसीआर का इलाका तो मानो जैसे गैस चैम्बर में तब्दीन हो गया हो, एक्यूआई भी 600 तक जा पहुंचा था।
मगर अब एनजीटी ने पराली को जलाने के बजाय उसे खेत में ही जोतकर खाद बनाये जाने की किसानो से कवायद शुरू करा दी है। बुलन्दशहर के सरदार बल्लभ भाई पटेल कृषि अनुसंधान केंद्र कृषि वैज्ञानिक विवेकराज के पास रखे ये कृषि उपकरण पराली को खेतो में जोतकर खाद बनाने के काम में आते है।
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और ये यहां से किसानो को फ्री में दिया जाता है। कृषि वैज्ञानिक की माने तो पराली से बनने वाली खाद से मृदा पोषकता भी कम नही होती और आसानी से अगली फसल की बुवाई की जा सकती है।