
हिंदू पंचांग को वैदिक पंचांग के नाम से भी जाता है। इसमें समय और काल की सटीक गणना की जाती है। पंचांग मुख्यतः पांच अंग तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण से मिलकर बना होता है। यहां शुभ मुहूर्त, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, नक्षत्र, सूर्य और चंद्रमा की स्थिति, हिंदू मास और पक्ष आदि की जानकारी हासिल होती है।

सूर्योदय- प्रातः 06:15:56
सूर्यास्तः- सायं 05:07:16
विक्रम संवत- 2076
शक संवत- 1941
आयन- दक्षिणायन
ऋतु- हेमन्त ऋतु
मास- कार्तिक माह
पक्ष- कृष्ण पक्ष
तिथि- सप्तमी तिथि 01:56:12 तक तदोपरान्त अष्टमी तिथि
तिथि स्वामी- सप्तमी तिथि और अष्टमी तिथि
नक्षत्र- पुष्य 08:10:12 तक तदोपरान्त अश्लेषा नक्षत्र
नक्षत्र स्वामी- पुष्य नक्षत्र के स्वामी शनि हैं तथा अश्लेषा नक्षत्र के स्वामी बुध हैं।
योग- शुभ 29:17:33 तक तदोपरान्त शुक्ल
गुलिक काल- शुभ गुलिक काल 06:37:03 बजे से 07:59:00 बजे तक
दिशाशूल- यात्रा करने से बचे अगर ज्यादा जरुरी हो तो अदरक खाकर जायें।
राहुकाल- राहु काल 09:21:00 बजे से 10:42:00 तक