दुनिया के 5 सबसे अजीबो-गरीब स्कूल, जहां के पढ़ाने का ढ़ंग देख दंग रह जाएंगे आप
अगर पढाई और स्कूल का जिक्र होता है तो मन के बहुत से सवाल पैदा होने लगते है। जैसे की- पढ़ाई करने का दबाव,ढेरों किताबें ढ़ो कर सिकूल ले जाना। मगर आज के समय में बहुत से बदलाव हो गए है। तो आज हम आरको अपने लेख मे कुछ ऐसे स्कूलों के बारे मे बात करेंगे जिसा पढाई करवाने के तौर तरीकों से चौक जाएंगें। जहां पढ़ाई तो होती है, मगर बेहद ही अलग और अनोखे तरीकों से। पढ़ाई के समय या जरूर ध्यान रखा जाता है कि कोइ बच्चा भोर या सो तो नहीं रहा है।
अमेरिका में इस स्कूल में बच्चे अपने आप से ही टाइम टेबल बनाते हैं और वो खुद तय करते है की उन्हें दिन भर के अंदर क्या पढना होगा। इतना ही नहीं बच्चों खुद तय करते है की उन्हें पढ़ाई कौन से तौरह तरीकों से पढ़ना चाहिए।
द स्कूल ऑफ सिलिकॉन वैली
यह स्कूल पढ़ाई के मामलो में और स्कूलो के नियमों के खिलाफ रहता है। यहां में बच्चों की पढ़ाई के लिए उच्च स्तर की तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है। यहां पर बच्चों को आई पैड, थ्री-डी मॉडलिंग और संगीत की मदद से पढ़ाया जाता है। ताकि बच्चे आसानी से सब कुछ समझ सकें।
मकोको फ्लोटिंग स्कूल
नाइजीरिया में स्थित यह स्कूल कुछ अलग अंदाज का है। यह स्कूल पानी पर तैरता रहता है। इसमें एक बार में 100 बच्चों को ही पढ़ाया जाता है। यह स्कूल पानी के घटते-बढ़ते जल स्तर पर भी आराम से संभला रहता है और अगर मौसम खरब है तब भी भी इसे कोई नुकसान नहीं पहुंच पाता है।
झोंगडोंग: द केव स्कूल
चीन का यह स्कूल कुछ अलग पैमाने का है । इस स्कूल में एक बार में केवल करीब 186 बच्चे ही पढ सकते है, और 8 शिक्षक ही बस इस स्कूल में पढा सकते है। यह स्कूल को साल 1984 में खोजा गया था यह सिकूल एक प्राकृतिक गुफा के अंदर है। यहां पर ऐसे बच्चों को पढाया जाता था जो कभी स्कूल नहीं जा सकते हैं। मगर साल 2011 में चीन सरकार ने इस स्कूल को बंद कर दिया।
द कार्पे डियम स्कूल
ओहिओ के इस स्कूल में क्लासरूम की जगह करीब 300 क्यूबिकल हैं, बिल्कुल एक ऑफिस की तरह दिखाई देता है। इस स्कूल का मानना है कि हर किसी को अपने स्तर पर चीजें सीखनी चाहिए। अगर बच्चों को किसी तरह की कोई परेशानी होगी ,तो इंस्ट्रक्टर आकर तुरंत उनकी मदद खुद करते हैं।