
नई दिल्ली : 23 मई को लोकसभा चुनाव 2019 की मतगणना है। नई सरकार बनने के बाद भारत के बैंकिंग सेक्टर में एक बड़ा बदलाव हो सकता है। नई सरकार तीन महीने के अंदर ही देश के चार बड़े बैंकों का विलय कर सकती है। आइए जानते हैं कि ये कौन से बैंक है और इससे आप पर क्या असर पड़ेगा।

बता दें की नई सरकार पंजाब नेशनल बैंक (PNB) में ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स (OBC), आंध्रा बैंक और इलाहाबाद बैंक को शामिल कर सकती है। इससे इन चारों बैकों के ग्राहकों पर सीधा असर पड़ेगा।
दरअसल इन बैंकों की विलय प्रक्रिया अगले तीन महीनों में ही पूरी हो जाएगी। इससे पहले बैंक ऑफ बड़ौदा में विजया बैंक और देना बैंक का विलय हुआ था। इस विलय से देश का दूसरा सबसे बड़ा सरकारी बैंक अस्तित्व में आया था। वहीं भारतीय स्टेस बैंक (SBI) में भी पांच सहयोगी बैंकों का मर्जर हो चुका है।
जहां अब आप ये सोच रहे होंगे कि जिन लोगों का खाता इलाहाबाद बैंक, ओबीसी, आंध्र बैंक और पीएनबी में है, उनपर इस विलय का क्या असर पड़ेगा। बता दें कि ऐसे ग्राहकों पर कोई खासा असर नहीं पड़ेगा। इस विलय के बाद उन्हें नए चेकबुक, पासबुक, आदि बनवाने होंगे और ग्राहकों का एटीएम और पासबुक नए सिरे से अपडेट होगा।
लेकिन इसके साथ ही आपको बता दें कि अगर आपने इन बैंकों से लोन ले रखा है तो आपकी ईएमआई पहले की तरह ही जारी रहेगी। हालांकि सरकार ने अब तक इस विलय की पुष्टि नहीं की है। लेकिन केंद्र सरकार का मानना है कि जितने कम बैंक होंगे, कामकाज उतने बेहतर होंगे।