चीन। हांग्झाउ में जी20 शिखर सम्मेलन पूरा हो गया है। इस बड़े वैश्विक सम्मेलन की मेजबानी चीन ने की। शुरुआत से आखिरी तक यह सम्मेलन अपवादों और विवादों से घिरा रहा। लेकिन चीन कहीं न कहीं उन सभी बातों पर मिट्टी डाल रहा है। मंगलवार को चीनी सरकार द्वारा संचालित ग्लोबल टाइम्स अखबार के एक संपादकीय लेख से शिखर सम्मेलन के विवादों को नियंत्रित करने का प्रयास किया गया।
बात दरअसल यह है कि मीडिया के कुछ संस्थान चीन में हुए शिखर सम्मेलन के उपयोगी परिणाम से ज्यादा चीन की मेजबानी में हुई गलतियों में ज्यादा रुचि ले रहे थे। संपादकीय लेख में यह बताने की कोशिश की गयी है कि सम्मेलन बहुत ही अच्छी तरह और लोगों की सराहना के साथ खत्म हुआ। इस पूरे लेख को पढ़ कर ऐसा लगता है कि एयरपोर्ट पर अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ हुई अभद्रता पर इसमें सफाई पेश की गयी है।
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जी20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी के दौरान चीन को कुछ विवादों और दिक्कतों का सामना करना पड़ा। जो समय के साथ कम हो सकते हैं लेकिन भूले नहीं जा सकते। चीन में छपे इस सम्पादकीय के अनुसार भले ही चीन से कुछ गलतियां हुई हों लेकिन वह इन सभी को कम करने की कोशिश कर रहा है।
संपादकीय में चीन ने आभार व्यक्त करते हुआ कहा कि उसे इस बात की बेहद खुशी है कि जी20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी करने उसे मौका मिला। अमेरिका की चर्चा करते हुए चीन ने कहा कि भले ही हमारे बीच थोड़ी कड़वाहट बनी हुई थी लेकिन जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान चीन ने जापान और दक्षिण कोरिया के तनावपूर्ण संबंधों में सुधार लाने का बड़ा प्रयास किया है।
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सम्पादकीय में यह भी दावा किया कि चीन ने इस उच्च स्तरीय शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर कई बड़ी उपलब्ध्िायां हासिल की हैं। उनमें से एक सॉफ्ट पावर का सौदा है। सॉफ्ट पावर या गैर सैन्य प्रभाव से चीन अपनी संस्कृति को और विश्व शांति को हासिल करने में कामयाब होगा। यह चीनी विदेश नीति की एक बड़ी कोशिश साबित होगी।
चीन अपने पड़ोसी देशों के बारे में बताते हुए कहता है कि चीन प्रतिकूल परिस्थियों में भी बीजिंग जैसे बड़े कामयाब शहर को स्थापित कर लोगों को चौंका रहा है। आज बीजिंग की वैश्विक भूमिका पड़ोसी देशों की नींदें उड़ा रही है।
चीन ने कहा कि उसके लिए यह जरूरी है कि वो अपनी बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था के दौरान एक प्रमुख शक्ति के रूप में अपनी बात को साफ तौर पर दुनिया के सामने रखे।
सम्पादकीय में कहा गया कि चीन अपनी समझ को सफलता हासिल करने के लिए समय-समय पर बदलता रहता है। यही कारण है कि उसकी अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ रही है। इसलिए वह सभी देशों के साथ एकजुट होकर काम करना और आगे बढ़ना चाहता है। हांग्झाउ में जी20 शिखर सम्मेलन से यह साबित होता है कि चीन में वो सारी काबिलियत है, जिससे वह आने वाले समय में ऐसे ही बड़े सम्मेलनों की मेजबानी बार-बार कर सके।