भारत के केन्द्रीय बैंक यानी रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने सरकार को ऐसा सुझाव दिया है, जो विवादों की स्थिति पैदा कर सकता है। रिजर्व बैंक के प्रस्ताव के मुताबिक अगर इंटरेस्ट फ्री बैंकिंग शुरू कर दी जाए, तो भारत में इस्लामिक देशों से भरपूर पैसा आएगा।
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इकोनॉमिक टाइम्स के मुताबिक इस्लामिक देशों के पास भरपूर पैसा है। अगर मोदी सरकार इंटरेस्ट फ्री बैंकिंग शुरू कर दे तो यह पैसा भारत में आ सकता है।
हालांकि इस्लामिक देशों का पैसा अगर इस तरह से देश में आए तो इससे आतंकवादियों को बड़ी मदद भी मिल सकती है।
रिजर्व बैंक के इस आइडिया के पीछे गर्वनर रहे रघुराम राजन का दिमाग माना जा रहा है। यह सुझाव हाल में सरकार के सामने पेश की गई वार्षिक रिपोर्ट में भी था। इस रिपोर्ट को रघुराम राजन के गवर्नर रहते हुए बनाया गया था।
रिजर्व बैंक की ओर से कहा जा चुका है कि इस्लामिक संस्थाओं को नॉन बैंकिंग चैनल्स के जरिए भी देश में पैसा पहुंचाने का रास्ता बनाया जा रहा है। यही वजह है कि बैंक इंटरेस्ट फ्री इनवेस्टमेंट का सुझाव दे रहा है।
इस बारे में बंगलुरू की एक कंसलटेंट कंपनी के मैनेजिंग पार्टनर सैफ अहमद कहते हैं, ‘यह एक जबरदस्त आइडिया है। इससे देश की तरक्की के कई रास्ते खुलेंगे। आरबीआई ने बेहतरीन प्लान सरकार के सामने पेश किया है। सरकार को इस पर कानून बना देना चाहिए।’
वहीं, रक्षा मामलों के विशेषज्ञ मानते हैं कि यह एक खतरे से भरा सौदा है। अगर ऐसा हुआ तो देश में आतंकवाद को भरपूर मदद मिलेगी। सरकार को इस प्रस्ताव से दूरी बना लेनी चाहिए।
इस बारे में सरकार से जुड़ी एजेंसी एक्जिम बैंक का कहना है कि इस्लामिक डेवलपमेंट बैंक 100 मिलियन डॉलर तक पैसा भारत में लगाने को तैयार है। यह पैसा प्राइवेट सेक्टर में लगाया जाएगा।
इस पूरी रिपोर्ट के सामने आने के बाद जानकार अब रघुराम राजन पर भी निशाना साध रहे हैं। ट्विटर पर कहा जा रहा है कि राजन आतंकवादियों से मिले हुए हैं। ट्विटर पर @vijay हैंडल से लिखा गया है कि अगर यही बात थी तो मोदी सरकार ने राजन को हटाने में इतनी देर क्यों की। पूरा देश उनके साथ है।