
Report : Amit Bhargava/Mathura
गोवर्धन में पिछले पांच दिन से चल रहे मुडिया मेला और गुरु पूर्णिमा मेले का आज अंतिम दिन है और यहाँ प़र आकर करोड़ों गिरिराज जी के श्रद्धालु परिकृमा करने आते है बहीं अंतिम दिन जिसमें यहाँ प़र सनातन धर्म के अनुयायियों द्वारा भगवान के रूप सनातन गोस्वामी जी महा प्रभु जी कि सोभा यात्रा गोवर्धन के सनातन आश्रम से निकाली गयी है.
जिसके लिए यहाँ के कई दर्जन सनातन गोस्वामी जी के सिस्य अपने गुरु के लिए सर के वाल भी मुंडवाते है और पूरे नगर में नाचते गाते कीर्तन करते हुए गोवर्धन कि परिकृमा करते है क्यूँ कि गुरु पूर्णिमा के दिन भगवान् के समान पूजे जाने वाले गुरु कि पूजा कि जाती है.
उसी परंपरा को सेकड़ों वर्ष से निभाते चले आ रहे है ये बंगाली समाज के लोग हर वर्ष कि तरह से ही शोभा यात्रा निकालकर अपने गुरु के लिए वाल मुंडवाते है इशी लिए इस मेले को मुडिया मेला कहा जाता है मान्यता है कि लगभग 477 वर्ष पूर्व कान्हा के अनन्य भक्त सनातन पाद गोस्वामी महाराज कान्हा की भक्ति में लीन हो गोलोक वास को चले गए थे.
जिनकी याद में सनातन पाद गोस्वामी महाराज के अनुयायी और ब्रज बसियो ने अपने सिर मुंडन करा कर पतित पावनी मानसी गंगा की परिक्रमा की थी.
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तभी से इस व्यास पूर्णिमा का नाम मुड़िया पूर्णिमा और गुरु पूर्णिमा पड़ा मुड़िया संतो ने गोवर्धन के श्री राधा श्याम सुंदर मन्दिर के महंत श्री राम कृष्ण दास के सानिध्य में मुण्डन संस्कार करा अपने आप को धन्य माना जिसे देखने के लिए देश विदेश से लाखों लोग आज के दिन गोवर्धन में मौजूद होते है और बे सभी इस अनोखी मुडिया सोभा यात्रा का जमकर आनंद उठाते है.
फिर पबित्र मानसी गंगा के जल से स्नान कर बे सब सोभा यात्रा के रूप में झांकिय भी सजाते है इस यात्रा में गोवर्धन लोग भी बड़ी संख्या में भाग लेते है.