
अभी तक आपने बहुत से अनोखे रेस्टोरंट्स के बारे में सुना होगा लेकिन कभी गिद्धों और चीलों के रेस्टोरेंट के बारे में सोचा है। जी हां, कानपुर में एक ऐसा ही रेस्टोरेंट खुल गया है। यहां गिद्ध और चील खाना खाते हैं। शहर के चिड़ियाघर में बने इस रेस्टोरेंट का नाम रैप्टर्स रेस्टोरेंट है।
कानपुर जूलॉजिकल पार्क में एक ‘रैप्टर्स रेस्टोरेंट’ विकसित किया गया है जिससे दो उद्देश्यों की पूर्ति होती है। एक तो मरने वाले जानवरों के शवों से गंदगी फैलने से बच जाती है और उनके उपयोग से गिद्ध और चील जैसी लुप्तप्राय प्रजातियों का संरक्षण होता है। इसका मुख्य उद्देश्य चिड़ियाघर में एक साथ अच्छी संख्या में गिद्धों व चीलों को बुलाना ही है।
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जू के निदेशक दीपक कुमार का कहना है कि जंगल सफारी के कोने पर चबूतरे की तरह खुला स्थान है जिसके आसपास चारों ओर से दीवार बनाई गई है। अंदर मांस के टुकड़े डाल दिए जाते हैं और इसकी ऊपरी सतह भी खुली है ताकि चिड़ियाघर में आने वाले गिद्ध, चील, शिकरा आदि खाना खाने के बहाने यहां आएं।
जू के सफारी एरिया में रेस्टोरेंट का स्थान तैयार किया गया है जिसके चारों ओर पेड़ लगे हैं। ऊपरी हिस्सा पूरी तरह खुला है। बीच-बीच में लकड़ी की मोटी टहनियां रखी गई हैं। जिन पर गिद्ध और चील आराम से बैठ सकते हैं। वे केवल मांस खाकर उड़ न जाएं, इसलिए पास ही छोटा सा तालाब भी बनाया गया है।
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वहीं प्राणी उद्यान के चिकित्सा विभाग का कहना है कि पहले यहां अलग-अलग चार क्षेत्रों में मांस के टुकड़े डाले जाते थे। इससे दुर्गंध व संक्रमण फैलने का खतरा रहता था। लेकिन, रेस्टोरेंट की व्यवस्था के बाद संक्रमण और गंदगी की समस्या से भी छुटकारा मिल गया है।
वहीं जब चीड़ियाघर के डॉक्टर्स से इस बारे में बात की गई तो उन्होंने कहा कि देश में गिद्धों की संख्या बहुत तेजी से कम हो रही है, इसलिए इनका संरक्षण किया जाना जरूरी हो गया है। ये खास रेस्टोरेंट चारों ओर पेड़ों से घिरा और बीच में लकड़ी की टहनियां लगा कर खुले आसमान के नीचे बनाया गया है।