
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को हुए हमले के लिए भाजपा को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि ये बीते पांच साल में मुझ पर नौवां हमला था और मुख्यमंत्री बनने के बाद पांचवां। मुझे नहीं लगता कि भारत के इतिहास में किसी सीएम पर ऐसे हमले हुए हैं।
बता दें की देश में दिल्ली का मुख्यमंत्री अकेला मुख्यमंत्री है जिसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी विपक्षी दल भाजपा के हाथ में है। इस हमलावर को इसलिए भेजा गया, ये मैसेज देने की कोशिश की जा रही है देश को कि मोदीजी के खिलाफ जो भी बोलेगा इस देश के अंदर उसको बख्शा नहीं जाएगा। ये तानाशाही की निशानी है कि अपने खिलाफ हर आवाज को बंद कर दिया जाए।
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दरअसल उन्होंने आगे कहा कि एक मुख्यमंत्री पर हमला होता है और केंद्र सरकार कहती है कि उन्हें शिकायत नहीं मिली इसलिए कार्रवाई आगे बढ़ने में असमर्थ है। लेकिन इस पर पीएम को इस्तीफा दे देना चाहिए। यह अरविंद केजरीवाल पर हमला नहीं है, यह दिल्ली के जनादेश पर हमला है।
वहीं दिल्ली पुलिस का कहना है कि मुख्यमंत्री के कड़े एतराज की वजह से रोड शो के दौरान सुरक्षाकर्मी अपना घेरा नहीं बना पाते। सुरक्षा अधिकारियों का कहना है कि जेड श्रेणी में 22 जवानों का एक सुरक्षा कवच रहता है।
जहां इसमें 4 या 5 एनएसजी कमांडो और पुलिस अधिकारी शामिल होते हैं। मुख्यमंत्री के वाहन को आगे व पीछे से एस्कॉर्ट किया जाता है। सबसे आगे पायलट गाड़ी चलती है। सामान्य तौर पर केजरीवाल के साथ 15 पुलिसकर्मी होते हैं। लेकिन भीड़-भाड़ वाले कार्यक्रमों में पुलिस बल बढ़ा दिया जाता है।