
महिलाओं को उनकी शादी के दौरान कई बार काफी महंगे गिफ्ट्स मिलते हैं। रिश्तेदारों दोस्तों और प्रियजनों से कई बार ज्वैलरी और दूसरे कीमती गिफ्ट्स मिलते हैं, जिनकी कीमत लाखों रुपये में पहुंच जाती है। इन गिफ्ट्स को पाकर महिलाएं जाहिर तौर पर काफी खुश होती हैं, लेकिन कई बार उन्हें यह चिंता भी सताने लगता है कि इन गिफ्ट्स पर उन्हें टैक्स देना पड़ेगा। महंगे गिफ्ट्स, विशेष रूप से शादी में मिले गिफ्ट्स पर टैक्स का क्या है प्रावधान, सर्टीफाइड फाइनेंशियल एडवाइजर पंकज मठपाल से जानिए-
आमतौर पर महंगे गिफ्ट पर हर किसी को टैक्स देना पड़ता है। ऐसा इसलिए, क्योंकि इनकम टैक्स के नियमों के अंतर्गत इसे किसी भी व्यक्ति का आय का जरिया (Source Of Income) माना जाता है और इसी लिहाज से इस पर टैक्स देना अनिवार्य होता है। इसके अंतर्गत इनकम टैक्स एक्ट, 1961 के सेक्शन 56(2)(VI) के तहत गिफ्ट्स पर टैक्स देना कंपल्सरी है। लेकिन शादियों के दौरान मिले महंगे गिफ्ट्स अपवाद होते हैं। यानी शादी से मिलने वाली रकम और कीमती उपहार से आप कर सकती हैं महाबचत।
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सोर्स ऑफ इनकम में नहीं शामिल होते शादी के गिफ्ट्स
सर्टीफाइड फाइनेंशियल एडवाइजर पंकज मठपाल का मानना है, ‘शादी में आपको सोना, चांदी, कैश, प्रॉपर्टी जैसे कितने ही महंगे गिफ्ट क्यों ना मिलें, इन्हें आपका सोर्स ऑफ इनकम नहीं माना जाता। इसीलिए शादियों के दौरान मिले किसी भी गिफ्ट पर टैक्स देय नहीं होता है। दरअसल शादी में मिले गिफ्ट्स और इससे होने वाली आय को इनकम ऑफ अदर सोर्स की कैटेगरी में रखा जाता है। हालांकि इसका टैक्स देय नहीं होता, लेकिन आपके लिए यह उचित होगा कि आप इस बात का जिक्र इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के दौरान करें। इस इनकम को आप इनकम फ्रॉम अदर सोर्सेज के तहत दिखा सकती हैं।’
ऐसे गिफ्ट्स पर भी नहीं लगता टैक्स
- पेरेंट्स की तरफ से बच्चे को मिला गिफ्ट
- पति-पत्नी की तरफ से एक-दूसरे को दिया गया गिफ्ट
- भाई-बहन की तरफ से एक-दूसरे को दिया गया गिफ्ट
- अपनी भाभी-भाई के पति/पत्नी से मिला गिफ्ट
- माता-पिता के भाई या उनके भाई की पति से मिला गिफ्ट
गिफ्ट नहीं, पर गिफ्ट से होने वाली इनकम पर लगता है टैक्स
शादियों में मिलने वाले गिफ्ट पर टैक्स नहीं लगता, लेकिन अगर आपको इससे इनकम हो रही है तो उस पर आपको टैक्स भरना पड़ेगा। उदाहरण के तौर पर अगर किसी ने आपको शादी के मौके पर 2 लाख रुपये की एफडी (फिक्स्ड डिपाजिट) कराई है, तो इस एफडी पर तो आपको टैक्स नहीं भरना पड़ेगा, लेकिन अगले साल जब इस रकम पर ब्याज मिलेगा, तब उस पर टैक्स देना पड़ेगा।
सामान्य गिफ्ट्स भी हैं टैक्स के दायरे में
सामान्य तौर पर या किसी खास तरह के ईवेंट या प्रोग्राम में मिलने वाले गिफ्ट्स पर टैक्स के नियम लागू होते हैं। उदाहरण के लिए अगर किसी वर्किंग महिला को उनके किसी क्लाइंट ने 50,000 रुपये तक का गिफ्ट दिया है, तो इस पर टैक्स नहीं लगेगा, लेकिन जैसे ही गिफ्ट की रकम 50,000 की लिमिट को पार करेगी, वैसे ही उस पर टैक्स देना अनिवार्य हो जाएगा।