
रिपोर्ट- जावेद चौधरी
गाजियाबाद: ग़ाज़ियाबाद जनपद बीते 3 दिनों से देश का सबसे ज्यादा प्रदूषित शहर बना हुआ है। सेंट्रल पॉल्यूशन बोर्ड के आंकड़ों के मुताबिक गाजियाबाद का AQI 495 पर पहुंच गया है तो वहीं गाजियाबाद के ही संजय नगर का AQI 1025 के पार पहुंच गया है।
तस्वीरें यह बताने के लिए काफी है कि गाजियाबाद में प्रदूषण कितनी तेजी से बढ़ रहा है। दिन प्रतिदिन गाजियाबाद का एयर क्वालिटी इंडेक्स बढ़ता ही जा रहा है। इसकी वजह से बच्चे और बुजुर्गों को सबसे ज्यादा परेशानी हो रही है। अस्पतालों में अस्थमा एवं आंखों की जलन की समस्या लगातार बढ़ रही है। प्रशासन के लाख दावों के बाद भी पोलूशन कम होने का नाम नहीं ले रहा है।
हालांकि प्रदूषण बढ़ने का सबसे बड़ा कारण दीपावली पर छोड़े गए पटाखे एवं गांव देहातों में पराली जलाए जाने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता। बहरहाल प्रदूषण को देखते हुए जनपद के बद से बदतर हालात में है।
जिला प्रशासन की लगातार प्रयास है कि पोलूशन के स्तर को कम किया जाए । इसीलिए जिला प्रशासन लगातार पेड़ पौधों, सड़क के किनारे, हाईवे के किनारे पर छिड़काव कर पोलूशन को कम करने का प्रयास कर रहा है।
यही नहीं अब लोगों को भी उम्मीद है कि अगर बारिश हो जाए तो पोलूशन से छुटकारा मिल सकता है, नहीं तो जिला प्रशासन प्रदूषण के स्तर को कम करने में नाकाम साबित हुआ है। एक बात और देखने में आई है कि एनजीटी के आदेश के बावजूद भी जनपद में बड़े पैमाने पर दीपावली पर पटाखे फोड़े गए थे। जिससे प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता चला गया।
जिला प्रशासन को ठेंगे पर रख दिया गया। बहरहाल एनजीटी ने जिला प्रशासन को एक पत्र लिखकर इस मामले में जवाब तलबी का भी आदेश दिया है। अब देखना होगा कि जिला प्रशासन इस मामले में क्या जवाब देगा ।
दिल्ली एनसीआर और आसपास के इलाकों में वायु गुणवत्ता (एक्यूआई) का स्तर 1000 के पार पहुंच गया.
क्या है पैमाना?
एक्यूआई जब 0-50 होता है तो इसे ‘‘अच्छी’’ श्रेणी का माना जाता है. 51-100 को ‘‘संतोषजनक’’, 101-200 को ‘‘मध्यम’’, 201-300 को ‘‘खराब’’, 301-400 को ‘‘अत्यंत खराब’’, 401-500 को ‘‘गंभीर’’ और 500 से ऊपर एक्यूआई को ‘‘बेहद गंभीर और आपात’’ श्रेणी का माना जाता है