
नई दिल्ली। निर्भया के दोषी फांसी से एक रात पहले ठीस से सो भी नहीं पाएं। चारों दोषियों में से सिर्फ मुकेश और विनय ने रात में खाना खाया. पवन और अक्षय खाना तो क्या रात में सो भी नहीं पाएं। दोषियों के वकील का कहना है कि उन्हें उनके परिवार वालों से मिलने नहीं दिया गया। पूरी रात इन दोषियों पर कड़ी निगरानी की गई। चारों दोषियों में से कोई भी अपनी आखिरी इच्छा नहीं बता पाया।
बता दें कि शुक्रवार को निर्भया के चारों हत्यारों को 7 साल की लंबी कानूनी लड़ाई के बाद फांसी पर लटका दिया गया. तिहाड़ जेल में डेथ वारंट में तय समय के अनुसार सुबह ठीक 5:30 बजे पवन जल्लाद ने फांसी का लीवर खींच दिया. लीवर खिंचते ही निर्भया के हत्यारे फंदे पर लटक गए. साथ ही फांसी की प्रक्रिया पूरी हो गई. तिहाड़ जेल के डीजी ने फांसी होने की बात कही. आधे घंटे तक डेड बॉडी लटके रहे. डॉक्टर की ओर से मौत की पुष्टि होने के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा जाएगा. अब चारों हत्यारों की डेड बॉडी का पोस्टमार्टम कराया जाएगा.
आखिरकार निर्भया को मिल गया इंसाफ, चारों दोषियों को चढ़ाया गया फांसी
इससे पहले कैदियों के चेहरों को ढककर फांसी के तख्ते के पास ले जाया गया. इसका मकसद है कि कैदियों को फांसी का फंदा दिखाई ना दे. फिर उन्हें तख्ते पर ले जाया गया और फंदे के नीचे खड़ा कर दिया गया. पवन जल्लाद कैदियों को फांसी के तख्ते तक ले गया. साथ में हेड वार्डर के अलावा 6 वार्डर भी मौजूद रहे. दो वार्डर कैदी के आगे तो दो कैदी के पीछे-पीछे रहे. फांसी देने से पहले जेल सुपरिंटेंडेंट ने हत्यारों को डेथ वारंट पढ़कर सुनाया.